
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के 4727 दलित परिवारों का करीब ₹68 करोड़ का कर्ज माफ करने की घोषणा की। यह कर्ज एससी लैंड डिवेलपमेंट ऐंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन से लिया गया था और डिफॉल्ट हो चुका था। सरकार के इस फैसले से हजारों गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को राहत मिलेगी।
जानकारी के अनुसार, माफ किए गए कुल कर्ज में ₹30 करोड़ मूलधन, ₹22 करोड़ ब्याज और ₹15 करोड़ पीनल इंटरेस्ट शामिल है। यह कर्ज मार्च 2020 तक का है, जिसे अब पूरी तरह माफ कर दिया गया है।
बजट में पहले से था प्रावधानपंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जानकारी दी कि वर्ष 2025-26 के बजट में इस कर्जमाफी के लिए पहले से ही राशि आवंटित कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि 2020 के बाद कर्ज लेने वालों की समस्याओं को भी सरकार संवेदनशीलता से देख रही है और उनकी मदद की जाएगी।
चीमा ने कहा, इन परिवारों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वे कर्ज चुका नहीं सके थे। फिर भी इनकी रिकवरी दर 84% रही है, जो कि बहुत कम नहीं है।
राज्य में कर्ज और पानी दोनों बड़े मुद्देजनवरी में विधानसभा में यह मुद्दा उठा था कि पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर डिवेलपमेंट बैंक के पास किसानों को नया कर्ज देने के लिए धनराशि की भारी कमी है। राज्य में 55,574 किसानों पर करीब ₹1444 करोड़ का कर्ज बकाया है, जबकि केवल ₹300 करोड़ की ही वसूली हो पाई है। इससे नाबार्ड की किश्तें और कर्मचारियों के वेतन जैसी जरूरतें पूरी की जा रही हैं।
नदियों के जल संकट पर भी बोले मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री भगवंत मान ने नदियों में घटते जल स्तर के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने बताया कि सतलुज, रावी और ब्यास नदियों में पानी की मात्रा अब पहले की तुलना में बहुत कम हो गई है। दूसरी ओर, राज्यों की पानी की मांग बढ़ती जा रही है।
मान ने कहा, हमारी सरकार ने नहरों की खुदाई करवाई है और अब पानी पंजाब के कोने-कोने तक पहुंच रहा है। भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की स्थिति वही बनी हुई है, लेकिन हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।