झारखंड में किसानों और वनोपज क्षेत्र के विकास को लेकर राज्य सरकार सक्रिय कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को विधानसभा में सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धकोफेड) के निदेशक मंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में किसानों की आय बढ़ाने, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, प्रशिक्षण एवं विपणन तंत्र को मजबूत करने के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई।
कृषि क्षेत्र में संभावनाओं का विकास और किसानों का सशक्तिकरणमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषि और वनोपज क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। सरकार किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका लक्ष्य है कि किसानों को उत्पादन से लेकर भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन तक हर चरण में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य समय पर मिलना चाहिए, ताकि उनका मनोबल बढ़े और वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि खेती और किसानों की समृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, इसलिए किसानों की भलाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जल संरक्षण और चेक डैम की मरम्मत पर जोरहेमंत सोरेन ने जल स्रोतों के संरक्षण और चेक डैम की मरम्मत एवं देखरेख की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इन जल संरचनाओं की देखरेख किसानों के समूह या जलसहिया समितियों को दी जाए, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। इस पहल से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण आजीविका को भी स्थायी आधार मिलेगा।
किसानों के लिए डिजिटल पहल – मोबाइल एप और कृषि पोर्टलमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों के हित में एक विशेष मोबाइल एप विकसित किया जाए। इस एप के जरिए किसान अपनी फसल, आवश्यक कृषि सामग्री, विपणन स्थिति और बाजार संबंधी जानकारी सीधे डिजिटल माध्यम से साझा कर सकेंगे।
साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के लिए एक स्थानीय पोर्टल विकसित करने का आदेश दिया, जिससे उपभोक्ता सीधे किसानों से जुड़कर कृषि उत्पादों की खरीद कर सकें। इस पहल से किसानों को अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य निर्धारण और बाजार की अद्यतन जानकारी प्राप्त होगी।
झारखंड के विशिष्ट वनोपजों का उत्पादन और विपणनमुख्यमंत्री ने राज्य में लाह, इमली, कोदो, कुटकी, चिरौंजी, महुआ, करंज, रेशम और तसर जैसे विशिष्ट वनोपजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना सरकार का उद्देश्य है।
किसान पाठशाला और वीडियो प्रशिक्षण से नई दिशाहेमंत सोरेन ने बताया कि सरकार किसान पाठशाला जैसी पहल को सुदृढ़ कर रही है। इसके माध्यम से किसान आधुनिक कृषि पद्धतियों, संरक्षण तकनीकों और नवाचारों से जुड़ सकेंगे। वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे ताकि किसान मूल्य संवर्धन की तकनीकों को सीखकर अपनाएं। इस पहल से ग्रामीण और जनजातीय समुदायों को उनकी परंपरागत आजीविका से जोड़ते हुए आधुनिक आर्थिक तंत्र में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव अबु बकर सिद्दीक, प्रशांत कुमार, कृपानंद झा, अरवा राजकमल सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।