समस्तीपुर के सदर अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने सभी को हक्का-बक्का कर दिया। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज के पास अचानक एक कथित ‘ओझा–भगत’ पहुंचा और उसने वहीँ अस्पताल के बीचोंबीच झाड़-फूंक शुरू कर दी। हैरानी की बात यह रही कि वहां मौजूद न डॉक्टरों ने उसे रोका, न ही किसी कर्मी ने हस्तक्षेप किया।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और अंधविश्वास की गहरी जड़ें उजागरयह घटना सिर्फ एक मरीज के परिजनों की गलती नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में फैली अव्यवस्था और निगरानी की कमी का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आई है। आधुनिक उपकरणों से लैस अस्पताल के बीचोंबीच किसी भगत द्वारा तंत्र-मंत्र करना ना सिर्फ चिकित्सकीय मानकों का उल्लंघन है, बल्कि यह दर्शाता है कि अंधविश्वास कितनी गहराई तक समाज और सिस्टम में मौजूद है।
चकदौलतपुर गांव की रहने वाली फूलो देवी को लगातार पेट दर्द की शिकायत थी। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर आए, जहां शुरुआती जांच-पड़ताल के बाद भी उनकी स्थिति में खास सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिवार ने गांव के ही एक भगत को बुला लिया, जिसने अस्पताल परिसर में ही झाड़-फूंक का सिलसिला शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियोघटना का वीडियो तेजी से इंटरनेट पर फैल गया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर करीब 12:45 बजे यह सब हुआ। पीड़ित महिला पिछले कई दिनों से पेट दर्द से परेशान थीं और प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के बाद सदर अस्पताल पहुंची थीं। बाद में मरीज को डीएमसीएच रेफर कर दिया गया।
करीब 15 मिनट चला तंत्र-मंत्र, डॉक्टर और स्टाफ मौन रहेप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगत लगभग 15 मिनट तक मंत्रजाप और फूल झाड़ू से झाड़ने जैसी क्रियाएं करता रहा। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर, नर्स और सुरक्षा गार्ड भी सिर्फ तमाशबीन बने रहे। किसी ने भी भगत को रोकने या बाहर निकालने की कोशिश नहीं की। अंत में ओझा स्वयं ही वहां से वापस चला गया।
मरीज पर 'ऊपरी बाधा' का हवाला देकर किया झाड़-फूंकमौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, भगत लगातार कोई मंत्र पढ़ रहा था और मरीज पर पारंपरिक तरीके से झाड़-फूंक कर रहा था। परिजन भी पूरे विश्वास के साथ इस क्रिया को देखते रहे। भगत मरीज की तकलीफ को ‘ऊपरी साया’ बताकर झाड़-फूंक करता रहा, जबकि अस्पताल कर्मचारी पूरे समय चुप्पी साधे रहे। स्टाफ के इस रवैये ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन हुआ सक्रिय, जांच के आदेशमामले की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है।
उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में किसी भी तरह की अवैज्ञानिक गतिविधि कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि गार्ड प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है और पूरी घटना की जांच कराई जा रही है।