बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सियासी हलचल मचा दी है। पार्टी के मुताबिक, चुनाव नतीजों में घपला और अनियमितता हुई है। RJD ने अपनी ओर से यह आरोप लगाया है कि महागठबंधन के उम्मीदवारों को हराने के लिए बैलेट पेपर जानबूझकर रिजेक्ट किए गए।
कांटे की टक्कर वाली सीटों पर पोस्टल वोट विवाद
इस बार बिहार चुनाव में कई सीटों पर उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर रही। RJD के मुताबिक, कई ऐसे परिणाम सामने आए, जहां अंतर सिर्फ कुछ वोटों का था। उदाहरण के लिए, संदेश विधानसभा में महागठबंधन के उम्मीदवार मात्र 27 वोट से हारे, अगिआंव में अंतर 95 वोट का रहा। RJD का दावा है कि अगर सभी पोस्टल बैलेट को सही तरीके से गिना जाता, तो इन सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार जीतते।
RJD के एक्स पोस्ट में क्या है लिखा?RJD ने अपने एक्स पोस्ट में यह आंकड़े साझा किए हैं:
नबीनगर विधानसभा: 112 वोटों से RJD हारी, 132 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
अगिआंव विधानसभा: 95 वोटों से CMPIL हारी, 175 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
संदेश विधानसभा: 27 वोटों से RJD हारी, 360 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
पार्टी का कहना है कि इन रिजेक्टेड वोटों को अगर गिना जाता, तो महागठबंधन की जीत सुनिश्चित होती। पोस्ट में इसे ‘जबरन बेईमानी’ करार दिया गया है।
चुनाव आयोग पहले ही कर चुका है आरोप खारिजयह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के काम पर सवाल उठाए हों। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल समय-समय पर वोट चोरी और ईवीएम पर संदेह जताते रहे हैं। RJD के एक नेता का यह तक दावा है कि चुनाव के दौरान ईवीएम में पहले से ही 25 हजार वोट पड़े थे।
हालांकि, चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि ईवीएम में पहले से वोट मौजूद होना संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने यह भी दोहराया कि चाहे लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, आयोग पूरी पारदर्शिता के साथ सभी राजनीतिक दलों को आवश्यक जानकारी प्रदान करता है और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संचालित की जाती है।