Tokyo Olympic : पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, कांस्य पर जमाया कब्जा, रियो में जीता था रजत पदक

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने रविवार को देश के करोड़ो खेलप्रेमियों की झोली खुशियों से भर दी। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक पर कब्जा जमा लिया। सिंधु 2018 के रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीतने में सफल रही थीं। वे भारत की पहली शटलर बन गई हैं, जिन्होंने ओलंपिक में दो पदक अपने नाम किए हों।

सिंधु ने कांस्य के मुकाबले में चीन की शटलर ही बिंगजियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से मात दी। मुकाबला 53 मिनट चला। सिंधु ने चीनी शटलर के खिलाफ आक्रमक अंदाज में खेल दिखाया। बिंगजियाओ ने दूसरे गेम में एक समय स्कोर 11-11 से बराबर कर दिया था, लेकिन इसके बाद सिंधु ने कोई चूक नहीं की। सिंधु ने पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए पूरा कोर्ट कवर कर हर शॉट पर नियंत्रण रखा।


पिता ने सिंधु को दी थी यह सलाह

उल्लेखनीय है कि सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने शनिवार को कहा था कि उनकी बेटी को सेमीफाइनल में विश्व की नंबर एक ताइ जु यिंग से मिली पीड़ादायक हार को भुलाकर कांस्य पदक मुकाबले के लिए नए सिरे से शुरुआत करनी होगी। उन्होंने कहा था कि सिंधु को हार भुलानी होगी। हालांकि किसी भी खिलाड़ी के लिए तीसरे और चौथे स्थान के लिए खेलना पीड़ादायक होता है, उसे रविवार के मैच को एक नए मैच के रूप में लेना चाहिए। इसके साथ ही अब भारत के खाते में टोक्यो में दो पदक हो गए हैं। पहला पदक भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने जीता था। इसके अलावा मुक्केबाजी में लवलीना भी सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक पक्का कर चुकी हैं।

डिस्कस थ्रो : कमलप्रीत कौर की कोच को है अच्छे प्रदर्शन का भरोसा

भारत की एक और मेडल होप डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर सोमवार को टोक्यो ओलंपिक में फाइनल में चुनौती पेश करेंगी। उन्होंने तीसरे प्रयास में 64 मीटर दूर चक्का फेंककर फाइनल का टिकट पक्का किया था। कमलप्रीत की कोच राखी त्यागी का मानना है कि वे हार मानने वालों में नहीं हैं। बड़े टूर्नामेंट का दबाव हमेशा खिलाड़ी पर रहता है, लेकिन कमलप्रीत इसे झेलने में पूरी तरह से सक्षम है। साई कोच राखी ने पटियाला के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय क्रीडा संस्थान में कमलप्रीत को तैयारी करवाई है।

राखी 2014 से कमलप्रीत को कोचिंग दे रही हैं। राखी ने बताया कि कमलप्रीत ने मार्च में फेडरेशन कप में 65.06 मीटर थ्रो कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। जून में कमलप्रीत ने इंडियन ग्रांड प्रिक्स-4 में 66.59 मीटर थ्रो किया। ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि फाइनल में उनका बेस्ट देखने को मिलेगा। मैं बेसब्री से उस पल का इंतजार कर रही हूं, जब कमलप्रीत इतिहास रचेगी।