Tokyo Olympic : घुड़सवार फवाद के पास है मौका, संन्यास पर बोलीं मैरीकॉम, हॉकी में इन्हें फाइनल की उम्मीद

टोक्यो ओलंपिक में दो दशक से ज्यादा समय में घुड़सवारी में उतरे एकमात्र भारतीय फवाद मिर्जा रविवार को क्रॉस कंट्री स्पर्धा के बाद 22वें स्थान पर रहे। सोमवार को व्यक्तिगत शो जंपिंग क्वालीफायर में बेहतर प्रदर्शन करने पर वे और उनका घोड़ा सिगनोर मेडिकॉट टॉप-25 में रह सकते हैं। इससे वे शाम को होने वाली इवेंटिंग जंपिंग की इंडीविजुअल कैटेगरी के फाइनल में जगह बना लेंगे। फवाद के कुल 39.20 पेनल्टी अंक हैं।

उन्होंने आठ मिनट में कंट्री रन पूरी की। घुड़दौड़ क्रॉस कंट्री व्यक्तिगत वर्ग में प्रतियोगी को सात मिनट 45 सैकंड के भीतर कोर्स का पूरा चक्कर लगाना होता है ताकि टाइम पेनल्टी कम रहे। पेनल्टी जितनी कम होगी, अश्वारोही पॉइंट टेबल में उतना ही ऊपर होगा। फवाद और सिगनोर ने टेक्नीकल प्रोब्लम के कारण देर से शुरू किया जिसकी वजह से उन्हें 11.20 पेनल्टी अंक मिले। फवाद ड्रेसेज दौर में नौवें स्थान पर थे। उसमें उन्हें 28 पेनल्टी अंक मिले। अब उन्हें शो जंपिंग में उतरना है जिसमें शीर्ष 25 में रहने पर वह इवेंटिंग जंपिंग फाइनल में जगह बना लेंगे।

मैरीकॉम ने कहा, मैं 40 तक खेल सकती हूं

भारत की महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम टोक्यो से स्वदेश लौट आई हैं। मैरीकॉम को कोलंबिया की इनग्रिट वेलेंसिया के खिलाफ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उनका दूसरा ओलंपिक मेडल जीतने का सपना टूट गया। हालांकि 38 वर्षीय मैरीकॉम ने साफ कर दिया है कि वे अभी रिंग से दूर नहीं जाने वाली और कम से कम 40 साल की उम्र तक प्रतिस्पर्धी बॉक्सिंग में हिस्सा लेने की क्षमता रखती हैं।

मैरीकॉम के सामने बड़े इवेंट के तौर पर अक्टूबर में होने वाली आईबा विश्व चैंपियनशिप है। छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ने संन्यास की अटकलों से इंकार कर दिया। मैरीकॉम ने कहा कि मेरे पास अभी उम्र है। मैं 40 तक खेल सकती हूं। टोक्यो में हेर-फेर और बेईमानी हुई। मैंने पहले दोनों राउंड जीते थे, तो फिर मैं मैच कैसे हार सकती हूं? मैं देश से माफी मांगना चाहती हूं।


पूर्व कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, जीत के लिए भूखी है भारतीय टीम

रविवार शाम को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ होने वाले क्वार्टर फाइनल के पहले पूर्व कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि भारत पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक मुकाबले तक जाएगा। भारतीय टीम अपने पूल ए के पांच मैच में से चार में जीत हासिल कर ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा। हरेंद्र ने ओलंपिक्स डॉट कॉम से कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि भारत फाइनल खेलेगा। इसके पीछे वजह यह है कि ऑस्ट्रेलिया को 7-1 से हराकर टीम ने भूखे शेर की तरह वापसी की है। उन्होंने दूसरे मैच के बाद हर विभाग में भारी सुधार दिखाया है। टीम जीत के लिए भूखी है और पूरी तरह से फिट है। वह कुछ संरचना के साथ हॉकी के बड़े हमलावरों की तरह खेल रही है। इसका पूरा श्रेय कोच ग्राहम रीड को जाता है।