भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक ही समय दो अलग-अलग टीमें किसी देश के दौरे पर हो। विराट कोहली की कप्तानी और रवि शास्त्री की कोचिंग वाली टीम इंडिया फिलहाल इंग्लैंड में है। टीम इंडिया ने वहां जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनिशप का फाइनल खेला था। अब उसे चार अगस्त से मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज खेलनी है। दूसरी ओर, एक ओर भारतीय टीम है जो 3-3 मैच की वनडे और टी20 सीरीज खेलने के लिए श्रीलंका गई हुई है। इस टीम की कप्तानी की बागडोर बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के हाथों में है। कोचिंग का जिम्मा द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ को मिला है। द्रविड़ पहली बार इस रोल में हैं। ‘दोनों काफी सकारात्मक इंसान’
इस बीच पहले वनडे की पूर्व
संध्या पर भारतीय कप्तान धवन ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों कोच की
खूबियों और अलग-अलग काबिलियतों के बारे में बात की। धवन ने कहा कि उन
दोनों की अपनी-अपनी खूबी हैं और दोनों काफी सकारात्मक इंसान हैं। मैंने रवि
भाई के साथ काफी वक्त गुजारा है और उनका प्रोत्साहित करने का तरीका अलग
है। उनकी ऊर्जा काफी जबरदस्त है। राहुल भाई काफी शांत हैं, संयमित हैं और
मजबूत भी हैं। हर किसी का अपना-अपना तरीका होता है और मुझे उन दोनों के
नेतृत्व में खेलने में मजा आता है।
शास्त्री के पास टी20 विश्व कप में अंतिम मौका!
आपको
बता दें कि शास्त्री की कोचिंग में भारत अभी तक कोई बड़ी आईसीसी ट्रॉफी
अपने नाम नहीं कर पाया है। हालांकि 2015 वनडे विश्व कप, 2016 टी20 विश्व
कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वनडे विश्व कप और 2021 वर्ल्ड टेस्ट
चैंपियनशिप में भारत खिताब के काफी करीब तक पहुंचा, लेकिन ट्रॉफी नहीं चूम
पाया। ऐसे में शास्त्री की कोचिंग पर भी सवाल उठना लाजिमी है। शास्त्री का
कार्यकाल इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले टी20 विश्व कप तक है। यहां भी
जीत नहीं मिलने पर बीसीसीआई शायद ही उनका अनुबंध बढ़ाए।