नई दिल्ली। मध्य पेरिस में एफिल टावर के पास कुछ दिन पहले पर्यटक पर हुए हमले के बाद फ्रांस के 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक होने वाले पेरिस ओलंपिक की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। आतंकवाद और साइबर हमले जैसी तमाम चुनौतियां भी फ्रांस के सामने हैं क्योंकि इन खेलों में शिरकत करने के लिए हजारों एथलीटों के अलावा दुनियाभर के लाखों प्रशंसक भी पेरिस पहुंचेंगे। एक रिपोर्ट के तहत, फ्रांस ओलंपिक खेलों की सुरक्षा के लिए करीब 3178 करोड़ रुपए (349 मिलियन यूरो) खर्च कर रहा है।
ओलंपिक कार्यक्रमों के पास 10 हजार सुरक्षाकर्मीलगभग दस हजार सैनिक पेरिस में वहां तैनात होंगे, जहां ओलंपिक के कार्यक्रम आयोजित होंगे। पेरिस में दक्षिण-पूर्व में एक पार्क में पांच हजार सैनिकों के लिए अस्थायी सैन्य शिविर होगा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा।
अत्याधुनिक उपकरणों से रखी जाएगी नजरफ्रांस की सेना के साथ ही ओलंपिक खेलों की सुरक्षा व्यवस्था में 40 हजार पुलिस अधिकारी और 20 हजार निजी सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। सुरक्षा में कोई चूक नहीं हो, इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। कैमरों की भी मदद ली जाएगी, जो संभावित खतरों और संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने में सक्षम होंगे। हालांकि कुछ नागरिक संस्थाओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर अपनी चिंताएं भी जाहिर की हैं।
स्थानीय निवासियों पर भी रहेगी सख्तीओलंपिक स्थलों के पास रहने वाले निवासियों को एक क्यूआर कोड के लिए आवेदन करना होगा। इस क्यूआर कोड के जरिए ही निवासी पुलिस बैरियर को पार कर पाएंगे।
फाइटर जेट करेंगे आसमान से सुरक्षाफ्रांस की सेना रीपर निगरानी ड्रोन और एडब्ल्यूएसीएस हवाई क्षेत्र-निगरानी विमान, लड़ाकू जेट, हवाई ईंधन भरने वाले विमान और हेलीकॉप्टर तैनात करने की भी योजना बना रही है।
साइबर हमले से निपटने को कसी कमरसाइबर हमलों से निपटने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करने वाली फ्रांसीसी कंपनियों के एक समूह, (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों) ने 700 से अधिक डिजिटल प्रौद्योगिकी समाधानों का अध्ययन किया गया है, और कई साइबर सुरक्षा परीक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। साइबर एक्सपर्ट की विशेष टीमें बनाई गई हैं। लेकिन इन डिजिटल प्रौद्योगिकी समाधानों में रूस-चीन के लोग शामिल नहीं हैं।
सर्फिंग व सीन नदी की सुरक्षा नौसेना के हाथओलंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह इस बारे खुले में पेरिस की सीन नदी के किनारे किया जाएगा। वहीं, सर्फिंग व नौकायन के अलावा कई स्पर्धाएं नदियों और समुंद्र में होंगी। फ्रांस ने नौसेना को इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
ड्रोन से हमले को रोकने के लिए विशेष बंदूकेंफ्रांस के लिए सबसे बड़ा संभावित सुरक्षा खतरा ड्रोन है। फ्रांस की पुलिस को ड्रोन और उसके रिमोट कंट्रोल के बीच वाईफाई या जीपीएस सिग्नल को जाम करने में सक्षम बंदूकों से लैस किया गया है। ऐसी बंदूकें लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को रोक सकती हैं।