First Test : जडेजा बने 5वें भारतीय, गावसकर ने रहाणे-पुजारा को दी यह सलाह! अपनी बैटिंग पर बोले रोहित

भारत के बाएं हाथ के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम टेस्ट में इतिहास रच दिया है। वे तीसरे दिन जब 18 रन पर पहुंचे तो उनके टेस्ट में 2000 रन पूरे हो गए। इसके साथ ही वे टेस्ट में 2000 रन और 200 विकेट का डबल पूरा करने वाले पांचवें भारतीय बन गए हैं। उनके अलावा कपिल देव (434 विकेट, 5248 रन), आर. अश्विन (413 विकेट, 2685 रन), अनिल कुम्बले (619 विकेट, 2506 रन) और हरभजन सिंह (413 विकेट, 2224 रन) ने यह कमाल किया है।

जडेजा इस उपलब्धि को हासिल करने वाले चौथे सबसे तेज हरफनमौला हैं। उन्होंने 53वें टेस्ट में ही यह आंकड़ा छू लिया। उनसे आगे इंग्लैंड के इयान बॉथम (42 टेस्ट), कपिल देव-इमरान खान (50 टेस्ट) और अश्विन (51 टेस्ट) हैं। जडेजा ने 2009 में टीम इंडिया में जगह बनाई थी। इसके चार साल बाद 2013 में वे टेस्ट टीम का हिस्सा बने थे।


गावसकर ने कहा, इंग्लैंड में इसलिए ज्यादा मुश्किल है रन बनाना

पहले टेस्ट में टीम इंडिया मजबूत स्थिति में होने के बावजूद अंग्रेज गेंदबाजों की स्विंग के सामने पस्त हो गई। इस बारे में सुनील गावसकर ने आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि आखिर क्यों भारत के बल्लेबाजों के लिए ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले इंग्लैंड में रन बनाना ज्यादा मुश्किल होता है। भारतीय बल्लेबाज इंग्लिश विकेट पर मूविंग गेंद को नहीं खेल पाते। गावसकर ने कहा कि किसी के लिए भी इंग्लैंड में तेज गेंदबाजी को खेलना आसान नहीं होता, यहां तक की इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए भी नहीं।

बॉडी के करीब आकर और गेंद को जितना हो सके देर से खेलना स्कोर पर अंतर पैदा करता है। गावसकर से जब पूछा गया कि वे चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों को क्या सलाह देंगे, तो उन्होंने कहा कि उनके पास एक बल्लेबाजी कोच है, इसलिए अगर उन्हें सलाह चाहिए तो उन्हें उनके पास जाना चाहिए।


ओपनर रोहित शर्मा ने किए कुछ तकनीकी बदलाव

भारत के ओपनर रोहित शर्मा ने कहा कि उन्होंने इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सफल होने के लिए बल्लेबाजी में कुछ तकनीकी बदलाव किए हैं। इसमें गेंद को शरीर के करीब खेलना और क्रीज का इस्तेमाल शामिल है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि वे बड़े शॉट खेलने से पीछे नहीं हटेंगे। रोहित ने पहली पारी में 36 रन बनाए। रोहित ने कहा कि हां, आपको काफी कुछ बदलना होता है और कुछ ऐसा ही मैंने भी किया है।

जब गेंद स्विंग होती है, तो आपके खेल के बहुत सारे तकनीकी पहलू होते हैं, जिसका आपको एक सलामी बल्लेबाज के रूप में इस्तेमाल करने की जरूरत होती है। इन परिस्थितियों में खेलना कभी आसान नहीं होता, लेकिन आप मुश्किल परिस्थितियों में हमेशा खुद को एक बल्लेबाज के रूप में चुनौती देते हैं। मैं भी यही करने की कोशिश कर रहा हूं।