ऑस्ट्रेलिया की 25 वर्षीय खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने शनिवार को साल के तीसरे ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नामेंट विंबलडन में महिला एकल का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। दरअसल किसी ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी ने 40 साल बाद यह ट्रॉफी जीती है। वर्ल्ड नंबर वन बार्टी ने फाइनल में चेक गणराज्य की आठवीं वरीयता प्राप्त कैरोलीना प्लिस्कोवा को तीन सेटों में 6-3, 6-7 (4), 6-3 से मात दी। बार्टी ने दूसरा सेट कड़े संघर्ष में गंवा दिया, लेकिन निर्णायक सेट में पूरा जोर लगाकर बाजी मार ली। बार्टी बचपन में नेटबॉल खेलती थीं। उन्होंने 10 साल पहले विंबलडन के कोर्ट पर चमक बिखेरी और 15 वर्ष की उम्र में जूनियर वर्ग की चैंपियन बनीं।
बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट के लिए खेली थीं बार्टी
बार्टी
ने साल 2014 में अमेरिकी ओपन के बाद अचानक टेनिस से ब्रेक लेने का ऐलान
किया। वर्ष 2015 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम से मुलाकात
के बाद उनकी रुचि प्रोफेशनल क्रिकेट की ओर बढ़ी। वे महिलाओं की बिग बैश लीग
(बीबीएल) में ब्रिस्बेन हीट की टीम में जगह बनाने में सफल रहीं। उन्हें 9
मैच खेलने का मौका मिला। बीबीएल की असफलता के बाद बार्टी ने साल 2016 में
टेनिस कोर्ट पर फिर वापसी की। साल 2017 में वे फ्रेंच ओपन में महिला एकल के
फाइनल में पहुंचने में सफल हुईं। साल 2018 में उन्होंने अपनी जोड़ीदार के
साथ विंबलडन का महिला युगल खिताब अपने नाम कर लिया। साल 2019 में बार्टी ने
फ्रेंच ओपन के रूप में पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। इस जीत के कुछ दिन
बाद वे नंबर एक खिलाड़ी भी बन गईं।
आज बेरेटिनी को हरा 20वां ग्रैंडस्लैम जीतना चाहेंगे जोकोविक
दुनिया
के नं.1 टेनिस खिलाड़ी सर्बियाई स्टार नोवाक जोकोविक आज जब विंबलडन के
फाइनल में इटली के माटियो बेरेटिनी के खिलाफ कोर्ट पर उतरेंगे तो उनकी
निगाहें 20वां ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम करने पर होगी। शीर्ष वरीयता
प्राप्त जोकोविक का यह 30वां मेजर फाइनल है जबकि बेरेटिनी यहां जूनियर
स्पर्धा में खेल चुके हैं। सातवीं वरीयता प्राप्त बेरेटिनी का यह पहला
फाइनल है। अगर बेरेटिनी जीत की लय जारी रख पाते हैं तो वे जर्मनी के बोरिस
बेकर (1985) के बाद अपने डेब्यू में ट्रॉफी हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी
बन सकते हैं। जोकोविक ने 2018 के बाद से विंबलडन में पिछले 20 मैचों में
जीत हासिल की है। जोकोविक ने इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन और फ्रेंच ओपन भी जीते
थे। वे नौ बार ऑस्ट्रेलियन ओपन, तीन यूएस ओपन और दो फ्रेंच ओपन अपनी झोली
में डाल चुके हैं।