दिल्ली में 2,500 रुपये की योजना में देरी क्यों? CM रेखा गुप्ता ने दिया पूरा जवाब

दिल्ली में गरीब महिलाओं को ₹2500 मासिक आर्थिक सहायता देने के वादे को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी घमासान जारी है। नेता विपक्ष आतिशी लगातार सरकार से सवाल कर रही हैं कि महिलाओं के खातों में पैसा कब आएगा।

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को दिए एक साक्षात्कार में योजना की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई तात्कालिक राहत योजना नहीं, बल्कि एक स्थायी और सुव्यवस्थित योजना है, जिसे सुचारू रूप से लागू करने में समय लगेगा।

मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, “हम ‘आप’ सरकार की तरह जल्दबाजी में गलती नहीं करना चाहते। किसी भी योजना के लिए बजट आवंटन, नियम और पात्रता की जांच आवश्यक होती है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि केवल योग्य लाभार्थियों को ही लाभ मिले।”

उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर सरकारी योजनाओं में अयोग्य लोगों को फायदा मिल जाता है, लेकिन इस बार सभी शर्तों को सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को ही सहायता मिले। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार अपने हर वादे को पूरा करेगी, लेकिन इसके लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाना जरूरी है।

रेखा गुप्ता का ‘आप’ पर पलटवार – वादों और हकीकत में फर्क समझें

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने पंजाब में भी इसी तरह के वादे किए थे, लेकिन तीन साल बाद भी उन्हें लागू नहीं किया। उन्होंने कहा, 'आलोचना करना ‘आप’ का राजनीतिक खेल है, लेकिन इसमें कोई ठोस आधार नहीं। उन्हें पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए। उन्होंने 10 साल पहले दिल्ली में मुफ्त वाई-फाई देने का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को नहीं मिला। हमने सरकार को जिम्मेदारी से चलाने का फैसला किया है—मौजूदा योजनाओं को जारी रखते हुए नई योजनाएं भी लाएंगे।'

योजना लागू करने की समय-सीमा पर बयान

योजना की सटीक तारीख बताने से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र हाल ही में समाप्त हुआ है और सरकार को बने अभी केवल एक महीना हुआ है। उन्होंने कहा, 'एक महीने पुरानी सरकार से इतनी बड़ी योजना को तुरंत लागू करने की उम्मीद करना तर्कसंगत नहीं है। नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हुआ है और हमने अभी बजट पेश किया है। यह एक बड़ा काम था। हमें ओपनिंग बैलेंस का आकलन करना है और यह देखना है कि वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए कितने लाभार्थियों को सहायता दी जा सकती है। हम किसी योजना के लिए फंड देने के लिए वेतन रोक नहीं सकते। हमें दोनों प्राथमिकताओं में संतुलन बनाए रखना होगा।'

सरकार की प्राथमिकताएं और विकास की योजनाएं

दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वीकार किया कि यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सरकार इसे प्रभावी तरीके से संभालेगी। उन्होंने कहा, 'कल्याणकारी योजनाओं पर सब्सिडी देने के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश करना जरूरी है। पिछली सरकार अस्पतालों के प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ गई, नए स्कूल और कॉलेज बनाने में नाकाम रही और दिल्ली के 12 सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को वेतन तक नहीं दे पाई। लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि वेतन नियमित रूप से दिए जाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो और सभी सेक्टर्स में प्रभावी शासन कायम हो।'