पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर बड़े बदलाव के आसार, TMC के संपर्क में BJP के 33 विधायक

पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर बड़े बदलाव के आसार हैं। BJP के एक, दो नहीं बल्कि 33 विधायक ऐसे हैं, जो दोबारा सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस (TMC) में जाना चाहते हैं। हालांकि, बीजेपी ने इन खबरों का खंडन किया है। पूर्व टीएमसी नेता सरला मुर्मू, सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास पहले ही खुलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं। इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु भी तृणमूल जॉइन करना चाहते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय टीएमसी की ओर देख रहे हैं। हालांकि, इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। दरअसल, उनकी एक फेसबुक पोस्ट के बाद इस तरह की अटकलें लगाई जाना शुरू हो गया था, जिसमें रॉय ने कहा था कि सरकार की ओलोचना करने से बेहतर खुद का निरीक्षण करना है। बीजपुर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव में उतरे रॉय को हार का सामना करना पड़ा था।

हालांकि BJP प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इसे कोरी अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग मुझे 33 का आंकड़ा दे रहे हैं, मैं उन्हें 72 की संख्या बता रहा हूं, क्योंकि यह दावा झूठा है। इधर, टीएमसी दल-बदल से जुड़े फैसले पर जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती। पार्टी सांसद शुखेंदु शेखर रॉय के मुताबिक, शनिवार को दोपहर 3 बजे होने वाली पार्टी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने बताया है कि टीएमसी छोड़कर गए नेताओं की वापसी को लेकर पहले कई सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब किसी को भी शामिल करने से पहले बहुत सारे सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे। जैसे, जो आना चाहता है, वह पार्टी छोड़कर क्यों गया था। वह वापसी का उद्देश्य क्या है। ये भी देखेंगे कि कहीं ये BJP की साजिश तो नहीं। घुसपैठ की कोशिश तो नहीं। उन्होंने दावा किया है कि कई नेताओं के नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं। टीएमसी सांसद ने कहा है कि ऐसे ही हाल रहे, तो राज्य से बीजेपी साफ हो जाएगी।

मई में संपन्न हुए चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने राज्य में दोबारा सत्ता हासिल की है। बंगाल की 294 में से 213 सीटें TMC ने जीती हैं। 77 सीटों पर BJP को जीत मिली है। चुनाव के चंद महीनों पहले TMC के 50 से ज्यादा नेताओं ने BJP का दामन थाम लिया था। इसमें 33 तो विधायक थे। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस बार BJP ही जीतेगी। कई की आस BJP में आने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई थी, क्योंकि पार्टी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया।