मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के चर्चा के जवाब देते हुए कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि एक आस्था से जुड़ा विषय है और न्यायालय को भी जन आस्था का सम्मान करते हुए 24 घंटे के भीतर इस पर अपना फैसला सुना देना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विवाद में केवल यह तय होना था कि यह राम जन्मभूमि है या नहीं है और जब यह तय हो गया है तो फिर इस विवाद के समाधान में 24 घंटे से 25वां घंटा नहीं लगना चाहिए। जहां तक जमीन के बंटवारे का प्रश्न है तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहले ही कह चुकी है कि जहां रामलला जी विराजमान हैं, वही राम जन्मभूमि है। राममंदिर मुद्दे पर योगी ने कहा कि आस्था का सम्मान होना ही चाहिए और न्यायालय को जन आस्था का सम्मान करना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा है कि जहां रामलला विराजमान हैं, वहीं राम जन्मभूमि है तो विवाद वहीं समाप्त हो चुका है और बंटवारे का कहीं विवाद ही नहीं है।
निराश्रित गोवंश के बारे में उन्होंने कहा, ‘पहले निराश्रित गोवंश चोरी कर अवैध बूचडखानों में पहुंचाये जाते थे और उन्हें वहां काटा जाता था । हमारी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को रोका तो गोवंश खेतों या सडकों पर हैं। हम गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन की व्यवस्था कर रहे हैं । तीन लाख निराश्रित गोवंश को अलग अलग जिलों में आश्रयस्थलों में रखा गया है।'
सपा—बसपा पर बरसे योगी आदित्यनाथ सपा—बसपा को आडे हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछली सरकारों ने प्रदेश में जिस प्रकार का कॉरिडोर बनाने का प्रयास किया था, वह भ्रष्टाचार और आराजकता का गलियारा था । प्रदेश का कोई ऐसा गुंडा, माफिया और समाजविरोधी तत्व नहीं था जो पिछली सरकारों का हमदर्द ना रहा हो ।' उन्होंने कहा, ''हमने भी एक कॉरिडोर दिया है। सुरक्षा का, विकास का और 15 फरवरी को प्रधानमंत्री से झांसी में डिफेंस कॉरिडोर का भी शिलान्यास कराने जा रहे हैं।'' योगी ने कहा, ''आश्चर्य होता है कि विपक्ष को सरकार की उपलब्धियां और प्रदेश की जनता की खुशहाली अच्छी नहीं लगती है । यही कारण है कि किसी भी अच्छे कार्य को नैतिक समर्थन देने की बजाय उसका विरोध करना विपक्ष की आदत बन गयी है । ठीक ही कहा है कि चांदनी रात चोरों को अच्छी नहीं लगती है ।''
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के लोग सदन से क्यों भागे हैं । उन्हें पता है कि जवाब देते समय हम जो रहस्योदघाटन करेंगे, उसका मुकाबला करने का नैतिक साहस उनमें नहीं है । ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ऐसे लोग हमेशा ही सदन से बाहर रहें तो अच्छा है ।'