रांची में नमाज के बाद हिंसा, दो जख्मी लोगों की मौत, हिंदू संगठनों ने पढ़ी हनुमान चालीसा

पैगंबर मोहम्मद को लेकर नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद शुक्रवार 10 जून को लोग सड़कों पर उतर आए। मेन रोड इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालकर नूपुर शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। पुतला भी जलाया था। इसके बाद देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो गया। आगजनी और पथराव के चलते पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस फायरिंग में 35 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। देर रात एक और शख्स की मौत की खबर है। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) ने दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। 7 अन्य लोगों को गोली लगी है। 12 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव किया। SSP समेत 3 पुलिसकर्मी को चोटें आई हैं। रांची आए बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की गाड़ी पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया। वे भाजपा कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री हैं। पत्थरबाजी के दौरान कुछ लोगों ने महावीर मंदिर में छिपने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मंदिर पर भी पथराव कर दिया। इस घटना से हिंदू संगठनों का भी गुस्सा भड़क गया और वे सड़कों पर उतर आए। रांची में स्थिति में शांत मगर तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन स्पीकर से घोषणा कर लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील कर रहा है। प्रशासन के अनुसार ऐसा करने पर उन्हें कस्टडी में लिया जा सकता है। अफवाहों पर रोक लगाने के लिए शहर में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। कल की घटना के बाद से आजतक शहर में हिंसा की कोई खबर नहीं है। आज कई संगठनों ने बंद का ऐलान किया है लेकिन धारा-144 लागू होने की वजह से बंद बेअसर है।

मुस्लिम संगठन शुक्रवार को BJP से निष्कासित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान का विरोध कर रहे थे। विरोध में सुबह से ही डेली मार्केट की 3000 से ज्यादा दुकानें बंद रहीं। जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए। पुलिस ने उन्हें रोका तो भीड़ उग्र हो गई और इनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई। उर्दू लाइब्रेरी और महावीर मंदिर के पास प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद उग्र भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी, इस दौरान कई अफसर और पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।

एक पुलिसकर्मी सीनियर अधिकारी से फोन पर बात करते हुए कहता है, 'देखिए-देखिए पत्थर चल रहा है। सर पत्थर चल रहा है, हमको कमर पर लगा है। मेरा मोबाइल टूट गया। जल्दी से फोर्स भेज दीजिए। सर पत्थर चला रहा है।'

उग्र हिंसा के बाद रांची DIG अनीश गुप्ता ने मोर्चा संभाला। आंसू गैस के लगातार गोले दागे गए। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती मेन रोड में कर दी गई है। जुमे की नमाज के मद्देनजर इलाके में आधा दर्जन से अधिक ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

रैपिड एक्शन फोर्स और ईको कंपनी की भी तैनाती की गई थी, लेकिन ये सभी कम पड़ गई। हिंसा के चलते शहर में कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। मेन रोड और डोरंडा में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। हालांकि सर्जना चौक और डेली मार्केट में सुबह से ही गाड़ियों को रोक दिया गया था।

गुरुवार को न्यू डेली मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन की बैठक हुई थी। बैठक में सभी दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया था। मुस्लिम समुदाय का प्रबुद्ध वर्ग सुबह से हिंसा नहीं करने की अपील कर रहा था। वे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को शांति से प्रदर्शन करने की अपील कर रहे थे। किन्हीं के अपील का कोई असर नहीं हुआ। इस प्रदर्शन में बच्चे से बुजुर्ग लोग शामिल थे।

घटना के 4 घंटे बाद झारखंड के CM हेमंत सोरेन ने लोगों से अपील की है कि ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग लेने से परहेज करें। उन्होंने कहा, मुझे अचानक इस चिंताजनक (विरोध) घटना के बारे में जानकारी मिली। झारखंड की जनता हमेशा से बहुत संवेदनशील और सहनशील रही है। घबराने की जरूरत नहीं है। मैं सभी से अपील करता हूं कि ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग लेने से परहेज करें जिससे इस तरह के और अपराध हों।

देशभर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों (DGP) को सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की हिंसक घटनाओं में उपद्रवी पुलिस अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं। ऐसे में उनहें सतर्क रहने के लिए कहा गया है।