सांसदों पर लटकी सदस्यता जाने की तलवार, 16 तारीख से पहले करना है निर्णय संसद या विधानसभा

नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने विधायकी के लिए सर्वाधिक तादाद में अपने सांसदों को मैदान में उतारा था। इनमें से कई ने विधानसभा का चुनाव जीत लिया है। अब इन सांसदों पर संसद सदस्यता जाने की तलवार लटकने लगी है। इन सांसदों को आने वाले 12 दिनों में इस बात का निर्णय करना है कि वे संसद में रहना चाहते हैं या विधानसभा में। भारतीय जनता पार्टी के अलावा राजस्थान से आरएलपी के सदस्य हनुमान बेनीवाल पर भी यह तलवार लटक रही है। उन्होंने भी विधानसभा का चुनाव जीत लिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 21 सांसदों को भी विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। इसमें में से 13 सांसदों ने विधायकी का चुनाव जीत लिया है। इसके साथ ही इन सभी पर दोहरी सदस्यता का खतरा मंडराने लगा है। नियम के अनुसार किसी भी दूसरे सदन का चुनाव जीतने के 14 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना पड़ता है। ऐसे में इन 13 सांसदों की या तो विधायकी जाएगी या फिर सांसदी। 14 दिनों की गिनती 3 दिसंबर से ही होगी। लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने बताया कि 14 दिन के अंदर अगर किसी ने स्वेच्छा से दोनों सदनों में से किसी एक को नहीं चुना तो संसद की सदस्यता गंवानी पड़ेगी।

लोकसभा का नियम

संविधान के अनुच्छेद 101(2) के अनुसार अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव जीत जाता है तो नोटिफिकेशन के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है। किसी विधानसभा सदस्य पर लागू होता है। ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकसभा सदस्यता चली जाती है।

राज्यसभा का नियम


संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) के अनुसार कोई लोकसभा सदस्य भी राज्यसभा सदस्य भी बनता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होगा। ऐसा नहीं करने पर भी लोकसभा की सदस्यता चली जाएगी।

दो सीट पर जीते तो ये नियम


संविधान की लोकसभा नियम के अनुसार दो लोकसभा सीट पर अगर कोई चुनाव जीत जाता है तो 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना होगा। यही बात विधानसभा चुनाव पर भी लागू होती है।

राजस्थान में जीते पांच सांसद

भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अलवर से सांसद बाबा बालक नाथ, राजसमंद से सांसद दीया कुमारी और राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा को मैदान में उतारा था। अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी, झुंझुनू से सांसद नरेंद्र कुमार, जालौर से सांसद देवजी पटेल चुनाव हार गए। आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी विधानसभा में जीत दर्ज की है।

मध्यप्रदेश में छह सांसद और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद जीते


मध्यप्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, गणेश सिंह को टिकट दिया था। यहां सिर्फ फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए। छत्तीसगढ़ में गोमती साय, रेणुका सिंह, अरुण साव ने विधानसभा में जीत दर्ज की। यहां सिर्फ विजय बघेल चुनाव हार गए।