
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक बेहद दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले नर्सरी के चार वर्षीय छात्र की मौत एक टीचर के थप्पड़ से होने का आरोप लगाया गया है। घटना के बाद से बच्चे के परिजन सदमे में हैं और उन्होंने स्कूल के दो शिक्षकों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले में जब पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, तो रिपोर्ट में ऐसी बातें सामने आईं जिसने पूरे घटनाक्रम को और ज्यादा संदिग्ध बना दिया है।
प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र स्थित महेवा पश्चिम पट्टी में रहने वाले वीरेंद्र के बेटे शिवाय की मौत हो गई। शिवाय डीडी एस जूनियर हाई स्कूल नामक प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल में नर्सरी का छात्र था। उसी स्कूल में उसके भाई सुमित और बहन पूर्वी भी पढ़ते हैं। घटना के वक्त शिवाय का भाई सुमित भी स्कूल में मौजूद था। सुमित ने बताया कि शिवाय उस वक्त रो रहा था, जिस पर एक टीचर उसे मेरी क्लास में ले आई और बेंच पर बैठा दिया।
बच्चा लगातार रोता रहा, फिर मारा गया थप्पड़शिवाय क्लास में बैठने के बाद भी रोता रहा, जिससे टीचर नाराज़ हो गई और उन्होंने उसे थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ लगने के बाद उसका सिर बेंच से टकराया और वह ज़मीन पर गिर पड़ा। ज़मीन पर गिरते ही उसके नाक और मुंह से खून बहने लगा। वह बार-बार पानी मांगता रहा, लेकिन किसी ने उसे पानी नहीं दिया। कुछ ही मिनटों में वह शांत हो गया। एक टीचर ने उसे हिलाया लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। इसके बाद उसी टीचर ने शिवाय के माता-पिता को फोन करके स्कूल बुलाया।
परिजन स्कूल पहुंचे और तत्काल बच्चे को लेकर अस्पताल भागे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने शिवाय को मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम में चौंकाने वाले तथ्यशिवाय की मौत के बाद पुलिस ने स्कूल के दो शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। डीसीपी गंगानगर विवेक यादव के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे के शरीर पर तीन स्थानों पर गंभीर चोटों के निशान मिले हैं। इनमें एक आंख की भौंह के पास, दूसरा पैर पर और तीसरा — जो सबसे चौंकाने वाला है — उसके प्राइवेट पार्ट्स पर भी चोट के निशान पाए गए हैं।
कई एंगल से हो रही जांचइन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, पुलिस अब कई बिंदुओं पर गहन जांच कर रही है। पुलिस स्कूल के सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी, साथ ही उस क्लास के अन्य छात्रों से भी पूछताछ की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने दो शिक्षकों के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच की प्रक्रिया पूरी सावधानी से की जा रही है।