
जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार लगातार युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए ठोस कदम उठा रही है। युवाओं को बेहतर रोजगार और करियर के अवसर प्रदान करने हेतु सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा निर्णय लेते हुए उन 1000 होनहार छात्रों को नि:शुल्क JEE और NEET कोचिंग देने का ऐलान किया है, जिन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं।
यह योजना खासतौर पर उन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं, लेकिन उनमें शिक्षा को लेकर गहरी लगन और क्षमता है। यह केवल कोचिंग सुविधा नहीं, बल्कि हजारों युवा सपनों को नई उड़ान देने का एक सार्थक प्रयास है, जो अब तक संसाधनों की कमी के कारण ठहर जाते थे। इसे शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत माना जा रहा है।
राजस्थान बना देश का पहला राज्य:मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत सरकार हर छात्र पर प्रतिवर्ष ₹2 लाख तक का खर्च वहन करेगी। यह देश में राज्य स्तर पर इस पैमाने पर शुरू की गई पहली योजना है। शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजा गया था, जिसे भजनलाल शर्मा ने तत्काल स्वीकृति प्रदान की।
मेधावी छात्र होंगे लाभान्वित:इस योजना से न केवल सरकारी स्कूलों के छात्र लाभान्वित होंगे, बल्कि RTE (शिक्षा का अधिकार) के अंतर्गत निजी स्कूलों में अध्ययनरत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी इसमें शामिल होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित स्कूलों से आवेदन प्राप्त कर योग्य छात्रों की सूची तैयार करेंगे और उसे शिक्षा निदेशालय को भेजा जाएगा।
कोटा-सीकर मॉडल पूरे राज्य में लागू:योजना के तहत चयनित छात्रों को जयपुर, कोटा और सीकर के प्रमुख कोचिंग संस्थानों में प्रवेश दिलाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने पहले ही संस्थानों से प्रस्ताव आमंत्रित कर लिए हैं। साथ ही, छात्रों को जयपुर के प्रतिष्ठित विद्यालयों में कक्षा 11वीं में दाखिला भी दिलाया जाएगा ताकि वे यहीं रहकर अध्ययन कर सकें। उनके रहने और भोजन की पूरी जिम्मेदारी भी सरकार ही उठाएगी।
तकनीक से सशक्त बनाएगी सरकार:योजना के अंतर्गत छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा भी मुफ्त में प्रदान की जाएगी। साथ ही शिक्षा विभाग की पूर्व प्रचलित लैपटॉप वितरण योजना के अंतर्गत इन विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्कूलों की अनुशंसा और मेरिट लिस्ट के आधार पर लैपटॉप वितरित किए जाएंगे।
कम नामांकन वाले स्कूलों को मिलेगा नया जीवन:सरकार का उद्देश्य मेधावी छात्रों को ऐसे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम या अन्य सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिलाना है जहां वर्तमान में नामांकन की संख्या कम है। इससे इन स्कूलों में न केवल दाखिला बढ़ेगा बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
भविष्य की दिशा तय करता निर्णय:IIT मद्रास की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में JEE और NEET की तैयारी करने वाले सर्वाधिक छात्र राजस्थान से हैं। कोटा में हर साल लगभग 2.5 लाख छात्र कोचिंग हेतु आते हैं, जबकि पूरे भारत से लगभग 30 लाख छात्र इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं। इस योजना से अब राजस्थान के सरकारी स्कूलों के छात्र भी इस दौड़ में मजबूती से भाग ले सकेंगे।
सपनों से आत्मनिर्भरता की ओर:भजनलाल सरकार की यह दूरदर्शी योजना न केवल छात्रों के सपनों को आकार देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक समानता, अवसर की समानता और गुणवत्ता आधारित मार्गदर्शन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।