भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इंकार

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक को हटाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। 11 अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगा दी थी। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और रोक हटाने की अपील की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (हावा) के प्रतिनिधियों के मताधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगा दी थी। हरियाणा कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव इंद्रजीत सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि हावा को हरियाणा ओलंपिक संघ से मान्यता नहीं है। पिछली सुनवाई पर हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन ने भी स्वीकार किया था कि हावा को भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में वोट डालने के लिए वैध सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

हावा ने कहा था कि हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन का प्रस्ताव है कि उनकी सदस्यता उन राज्य खेल संघों के लिए खुली रहेगी जिन्हें राष्ट्रीय खेल संघ से मान्यता प्राप्त होगी। साथ ही यह भी बताया कि हरियाणा कुश्ती संघ का चुनाव तय प्रक्रिया के तहत हुआ था और बाद में इसका नाम बदल कर हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (हावा) रख दिया गया था। इसे भारतीय कुश्ती संघ की बैठक में मंजूरी भी दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि अभी हावा के सदस्यों के वोट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने याचिकाकर्ता, आंध्र प्रदेश एमेच्योर कुश्ती संघ से अपनी शिकायतों के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

11 अगस्त को, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) द्वारा दायर एक याचिका पर अगले आदेश तक चुनाव रोक दिया गया था, जिसमें हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई चुनावों में वोट डालने की अनुमति देने के कदम को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने यह देखने के बाद मामले को 28 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया कि पार्टियों को भारतीय कुश्ती महासंघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए वोट डालने का महत्वपूर्ण अधिकार है, जो 12.08.2023 को होना था। ......उसे सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगाने का आदेश दिया जाता है।

इससे पहले जुलाई में, शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर डब्ल्यूएफआई चुनावों पर गुवाहाटी उच्च न्यायालय की रोक हटा दी थी।