रसोई गैस के बढ़ते दामों पर लगी रोक, जानिये अब देने होंगे कितने रुपये

रसोई गैस के बढ़ते दाम से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर 6.52 रुपये सस्ता हुआ है, वहीं, बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का बाजार मूल्य 133 रुपये कम हुआ है। लगातार पिछले 6 महीने से गैस सिलेंडर के दाम बढ़ रहे थे। इस कटौती से ठीक पहले सिलेंडर के दाम में 14.13 रुपये तक की वृद्धि हुई। नवंबर में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 2.94 रुपये की वृद्धि की गई थी। नई कीमत शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी होंगी। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने कहा है कि दिल्ली में 14.2 किलो के सब्सिडीशुदा गैस सिलेंडर की कीमत 507.42 रुपये से घटकर 500.90 रुपये रह गई।

इंडियन ऑयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और रुपये की मजबूती से बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस के दाम में 133 रुपये कम किए गए हैं। दिल्ली में अब इसकी (14.2 किलो) कीमत 809.50 रुपये प्रति सिलेंडर होगी।

बता दें कि सभी ग्राहकों को बाजार कीमत पर ही रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होता है। हालांकि, सरकार सालभर में 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है, जिसमें सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में डाल दी जाती है।

एलपीजी की औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है। ऐसे में जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ती हैं तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है और जब कीमतें कम होती है तो सब्सिडी में कटौती की जाती है। कर नियमों के अनुसार, रसोई गैस पर जीएसटी की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है, लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर ही करना होता है। इसी के चलते बाजार मूल्य यानी बिना सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम में गिरावट से सब्सिडी वाली रसोई गैस पर कर गणना का प्रभाव कम होने से इसके दाम में कटौती हुई है। कंपनी ने कहा कि दिल्ली में दिसंबर में 2018 में बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर का दाम 942.50 रुपये से कम होकर 809.50 रुपये रह गया। इसमें 133 रुपये की कमी आई है। उल्लेखनीय है कि पिछले छह सप्ताह में पेट्रोल के दाम में 9.6 रुपये तथा डीजल में 7.56 रुपये लीटर की कटौती हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी के साथ ईंधन के दाम कम हुए हैं।