त्योहारों के दौरान देशभर में ब्लास्ट करने की साजिश रच रहे 6 आतंकी गिरफ्तार, सामने आया दाऊद कनेक्शन

देश में धमाके कराने की पाकिस्तानी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली पुलिस ने 6 आतंकियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक और हाई क्वालिटी हथियार बरामद किए हैं। पकड़े गए आतंकियों में से 2 ने पाकिस्तान में बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। मिली जानकारी के अनुसार आतंकियों के पीछे दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम की भी महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही है। इसके साथ ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इसमें शामिल बताई जा रही है। पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने वाले आतंकियों के नाम ओसामा और जीशान कमर हैं। बाकी चारों आतंकियों के नाम मोहम्मद अबु बकर, जान मोहम्मद शेख, मोहम्मद अमीर जावेद और मूलचंद लाला है।

जानकारी के अनुसार अनीस इब्राहिम इन आतंकियों की दहशत फैलाने के लिए हर तरह से मदद कर रहा था। भारत में वो इन्हें रुपया, विस्फोटक और हथियार तक पहुंचा रहा था। अब पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि अनीस और आतंकियों के बीच में कोई कड़ी देश में मौजूद तो नहीं थी। साथ ही अनीस के ठिकाने के बारे में भी पता किया जा रहा है।

आतंकियों का यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के DCP प्रमोद कुशवाह ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद एक मल्टी स्टेट ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से ये आतंकी पकड़े गए।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर नीरज ठाकुर ने बताया, 'हमारे पास 10 टेक्निकल इनपुट थे। सबसे पहले महाराष्ट्र के सलेम को पकड़ा गया। दो आदमी दिल्ली में अरेस्ट हुए। इसके बाद उत्तर प्रदेश से 3 लोग अरेस्ट किए गए। इनमें से 2 आतंकी अप्रैल में मस्कट गए थे। उन्हें मस्कट से बाई शिप पाकिस्तान ले जाया गया। वहां फार्म हाउस में रखकर विस्फोटक बनाने और AK-47 चलाने की 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई।'

ठाकुर ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों को 2 टीमों में बांटा गया था। इनमें से एक को दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम गाइड कर रहा था। आतंकियों की इस टीम का काम सीमा पार से हथियार लाना और उन्हें अलग-अलग राज्यों में भेजना था। यही टीम आने वाले फेस्टिवल सीजन में IID प्लांट करने वाली थी। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़ भरे इलाके इनके निशाने पर थे।

पुलिस को शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि हथियार लाने वाली टीम को सपोर्ट देने के लिए दूसरी टीम को हवाला के जरिए पैसा लाने और आतंकियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी टीम के ऊपर बाकी आतंकियों के लिए सपोर्ट सिस्टम तैयार करने की जिम्मेदारी थी।