जोधपुर के गोशाला क्रीड़ा संगम मैदान में शुक्रवार को अरोड़ा खत्री सुपर लीग के दौरान एक हृदयविदारक घटना घटी। 40 वर्षीय नीरज अरोड़ा, जो एमएमसी क्लब की ओर से खेल रहे थे, ने मैच के दौरान हार्ट अटैक के कारण दम तोड़ दिया। उनकी इस आकस्मिक मृत्यु ने न केवल उनके दोस्तों और परिवार को बल्कि पूरे आयोजन को शोक में डाल दिया। अरोड़ा खत्री सुपर लीग में एमएमसी क्लब और रेड ड्रैगन टीमों के बीच मैच चल रहा था। नीरज अरोड़ा, जो मकराना मोहल्ला, जोधपुर के निवासी थे, ने शानदार पारी खेली और 37 रन बनाए। आउट होकर जब वे पवेलियन लौट रहे थे, तब अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा। उन्होंने पास बैठे दोस्त से पानी मांगा और कहा कि सीने में दर्द हो रहा है। उन्होंने तुरंत अस्पताल जाने की बात कही। नीरज के दोस्त सुशील ने बिना समय गवाए उन्हें कार में बैठाकर अस्पताल ले जाने की कोशिश की। रास्ते में उन्हें उल्टी हुई, और कुछ ही पलों में उनकी सांसें थम गईं। दोस्तों और आयोजकों ने सीपीआर देकर उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। डॉक्टरों ने एमडीएम अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घासमंडी में नमकीन की दुकान चलाते थेनीरज अरोड़ा अपने परिवार के लिए एक मजबूत सहारा थे। वे घासमंडी में अपनी नमकीन की दुकान चलाते थे और अपनी मां के साथ रहते थे। उनका परिवार छोटा था, जिसमें दो विवाहित बहनें भी शामिल थीं। नीरज का जीवन अपने परिवार और उनके व्यवसाय को लेकर बहुत व्यस्त था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें क्रिकेट का गहरा शौक था। वे हर रविवार अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाते थे, और यह उनका पसंदीदा शगल था। क्रिकेट के प्रति उनका यह जुनून न केवल उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा था, बल्कि उनकी सामाजिक पहचान का भी एक बड़ा कारण था।
घटना के बाद अरोड़ा खत्री सुपर लीग को रद्द कर दिया गया। आयोजक और खिलाड़ी नीरज के निधन से गहरे शोक में हैं। यह हादसा सभी के लिए एक चौंकाने वाला अनुभव रहा।
हार्ट अटैक के मुख्य कारणआजकल दिल के दौरे (हार्ट अटैक) की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है, और यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। हाल ही में जोधपुर में नीरज अरोड़ा की हार्ट अटैक से मृत्यु ने एक बार फिर इस तथ्य को स्पष्ट किया है कि जीवनशैली में लापरवाही और स्वास्थ्य के प्रति उपेक्षा जानलेवा साबित हो सकती है। यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि हमारी रोज़मर्रा की आदतें और जीवनशैली हमारे दिल की सेहत पर गहरा असर डाल सकती हैं, और हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
तनाव और अनियमित जीवनशैली: आजकल की तेज़-रफ्तार जिंदगी और पेशेवर दबाव के कारण तनाव एक सामान्य समस्या बन गई है। लंबे समय तक अत्यधिक तनाव से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। अनियमित जीवनशैली, जिसमें पर्याप्त नींद न लेना, नियमित व्यायाम न करना और मानसिक दबाव सहना शामिल है, दिल की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। समय पर खाना, सही आराम और व्यायाम की कमी से शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जिससे दिल की बीमारियाँ बढ़ सकती हैं।
अस्वास्थ्यकर खानपान और मोटापा: अस्वास्थ्यकर खानपान जैसे तला-भुना, प्रोसेस्ड और अधिक शक्कर वाला आहार, शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा की मात्रा बढ़ाता है। यह दिल की धमनियों में रुकावट उत्पन्न कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। मोटापा भी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कारण है। अधिक वजन और शरीर में अतिरिक्त वसा, विशेष रूप से पेट के आसपास, दिल पर अत्यधिक दबाव डालते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय संबंधी बीमारियों के प्रमुख कारण हैं। तंबाकू में पाए जाने वाले जहरीले तत्व धमनियों को संकुचित करते हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट होती है और दिल पर दबाव पड़ता है। शराब का अत्यधिक सेवन भी दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाता है और रक्तचाप को बढ़ाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज: उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियाँ दिल के स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करती हैं। हाई ब्लड प्रेशर से दिल पर अतिरिक्त दबाव बनता है, जो दिल की बीमारी का कारण बन सकता है। वहीं, डायबिटीज से शरीर में रक्त शर्करा की अधिकता हो जाती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि इन बीमारियों का इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक से बचाव के उपायहार्ट अटैक से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है। सही आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक शांति से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। निम्नलिखित उपायों को अपनाकर हम हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं:
1. नियमित स्वास्थ्य जांच करें35 वर्ष की उम्र के बाद हार्ट चेकअप कराना बेहद जरूरी है। यह चेकअप समय पर किसी भी हृदय संबंधी समस्या को पहचानने में मदद करता है, जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और अन्य हृदय रोग। यदि कोई समस्या जल्दी पता चलती है, तो उसका इलाज समय रहते किया जा सकता है, जिससे गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, नियमित जांच से आप अपनी सेहत के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दे सकते हैं।
2. संतुलित आहार का सेवन करेंदिल की सेहत के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। अपने भोजन में अधिक मात्रा में हरी सब्जियां, ताजे फल, सूखे मेवे और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार जैसे मछली, अलसी और अखरोट को शामिल करें। ये तत्व दिल को स्वस्थ रखते हैं और रक्तवाहिकाओं को मजबूत बनाते हैं। तली-भुनी चीजें, जंक फूड और अत्यधिक नमक से परहेज करें, क्योंकि ये रक्तचाप को बढ़ाते हैं और हृदय की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
3. नियमित व्यायाम करेंशारीरिक गतिविधि दिल के लिए अत्यंत लाभकारी है। हर दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए, जैसे तेज़ चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, या योग करना। ये गतिविधियां शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाती हैं और दिल की धड़कन को नियंत्रित करती हैं। नियमित व्यायाम से वजन भी नियंत्रित रहता है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
4. तनाव को नियंत्रित करेंमानसिक तनाव को नियंत्रित करना भी हार्ट अटैक से बचाव के लिए आवश्यक है। अधिक तनाव हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण बन सकता है। तनाव को कम करने के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें। पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद की कमी भी तनाव को बढ़ाती है। शांति और संतुलित जीवनशैली को अपनाकर दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।
5. धूम्रपान और शराब से बचाव करेंधूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन हृदय रोगों का प्रमुख कारण है। तंबाकू में पाए जाने वाले रसायन रक्तचाप को बढ़ाते हैं और रक्तवाहिकाओं को संकुचित कर देते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। शराब भी रक्तचाप और दिल की धड़कन को प्रभावित करती है। इसलिए धूम्रपान और शराब का सेवन तुरंत बंद करना चाहिए, ताकि दिल की सेहत को बेहतर बनाया जा सके।
6. ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल में रखेंउच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और मधुमेह (डायबिटीज) हृदय रोगों के प्रमुख कारण होते हैं। इसलिए रक्तचाप और शुगर लेवल को नियंत्रित रखना जरूरी है। समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लें और आवश्यक दवाइयां लें। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव मुक्त जीवनशैली से इन दोनों बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है।
7. इमरजेंसी स्थितियों के लिए तैयार रहेंयदि हार्ट अटैक के लक्षण दिखें, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें। लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, अत्यधिक पसीना आना और थकान महसूस होना शामिल हैं। सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) सीखना भी बहुत फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह किसी की जान बचाने में मदद कर सकता है। इमरजेंसी स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया से हृदय रोगी की जान बचाई जा सकती है, इसलिए सीपीआर जैसी प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान होना बेहद आवश्यक है।