जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। ऐसे में सर्दी से बचाव के लिए आम जनता तिब्बती बाजार के साथ-साथ जयपुर के टोंक फाटक स्थित राजस्थान खादी ग्रामोद्योग के परिसर में पिछले एक माह से चल रही सेल में लगातार खरीदारी के लिए पहुँच रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार राजस्थान खादी ग्रामोद्योग द्वारा लगाए गए खादी मेले में लोगों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। परिसर में पिछले एक महीने से चल रहे मेले में लोगों ने अब तक 11 करोड़ रूपए के खादी प्रोडक्ट्स खरीदे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा लोगों ने 8 करोड़ रुपए के सिर्फ खादी के गर्म कपड़ों की खरीदारी की है। हर साल लगने वाले खादी मेले में इस साल सबसे ज्यादा कपड़ों की शॉपिंग लोगों ने सबसे ज्यादा की हैं, जिनमें सबसे ज्यादा खादी के सूती, ऊनी कपड़ों को खरीदा गया है।
राजस्थान खादी ग्रामोद्योग के इस मेले में लोगों को खादी के कपड़ों पर विशेष रूप से 50% का डिस्काउंट दिया जा रहा हैं इसलिए लोग जमकर कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं, खादी मेले में हर प्रकार के बेहतरीन कपड़ों के अलावा सर्दियों के सीजन में घरेलू उपयोग के गर्म कम्बल से लेकर शॉल, दरिया, चटाई जैसे सभी प्रोडक्ट्स हैं जिनकी सबसे ज्यादा ब्रिकी हो रही हैं। खादी का यह मेला 13 जनवरी तक चलेगा और लोगों के लिए विशेष डिस्काउंट भी उपलब्ध रहेगा।
खादी मेले में क्या है खास
राजस्थान खादी ग्रामोद्योग के परिसर में चल रहे खादी मेले में विशेष रूप से खादी के कपड़ों की सबसे ज्यादा स्टॉल है, जहां लोग दूर-दूर से खादी के बेहतरीन कपड़े खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं। मेले के इंचार्ज मालीराम अग्रवाल बताते हैं कि खादी मेले में वैसे तो सभी बच्चों से लेकर बुजुर्ग लोग पहुंच रहे हैं लेकिन खादी के कपड़े सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों को पंसद आते हैं, इसलिए उन्होंने सबसे ज्यादा कपड़ों की खरीदारी की हैं। खादी मेले में विशेष रूप से लोगों के लिए 220 दुकानें है, जहां लोग हर प्रकार का सामान खरीद सकते हैं जिनपर विशेष रूप से खादी की ओर से खादी के प्रांतीय उत्पादों पर 50% और पर प्रांतीय उत्पादों पर लोगों को 25% की विशेष छूट दी जा रही हैं। इसके चलते लोग अन्य मेलों के बजाएं खादी मेले से सबसे ज्यादा खरीदारी के लिए आ रहे हैं।
क्या खास होता हैं खादी के कपड़ों मेंमालीराम अग्रवाल बताते हैं कि हर साल राजस्थान खादी ग्रामोद्योग मेले में विशेष रूप से खादी कपड़ों की सबसे ज्यादा डिमांड रहती हैं क्योंकि खादी के कपड़ों में एक अलग ही चमक और कड़कपन रहता हैं, जिनमें सबसे ज्यादा ऊनी, सूती, रेशमी और पॉली के कपड़ों की सबसे ज्यादा डिमांड रहती हैं, खादी में विशेष रूप से सूती खादी प्योर कॉटन से तैयार की जाती हैं, क्योंकि कॉटन की सबसे खास बात होती हैं की वह सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती हैं।
विशेष रूप से खादी के सभी कपड़ों में किसी भी प्रकार के किसी फेब्रिक का इस्तेमाल नहीं होता हैं इसलिए खादी के कपड़ों की क्वालिटी सबसे शानदार होती हैं। अग्रवाल बताते हैं खादी के कपड़ों में सूती कपड़ों के अलावा ऊनी कपड़ों की भी खूब डिमांड हैं, जो विशेष रूप से मैरिनों नस्ल की भेड के ऊन से ऊनी कपड़े तैयार होते हैं, जिसमें किसी प्रकार के फाइबर का उपयोग नहीं किया जाता हैं, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ऊनी कपड़ों के लिए विशेष रूप से आस्ट्रेलिया से ऊन मंगवाकर ऊनी कपड़े तैयार किए जाते हैं, इसलिए खादी के ऊनी कपड़ों की चमक लंबे समय तक बरकरार रहती हैं।