नागपुर। नागपुर के पशु बचाव केंद्र में एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत हो गई, जिसके बाद अधिकारियों ने देश भर के चिड़ियाघरों को अलर्ट पर रखा है। एक अधिकारी के अनुसार, पिछले महीने के अंत में हुई मौतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक परामर्श जारी कर चिड़ियाघरों को एहतियाती उपाय लागू करने का निर्देश दिया है।
चिड़ियाघरों को केंद्र की सलाह केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एक सलाह में चिड़ियाघरों को रोकथाम, नियंत्रण और रोकथाम पर कार्य योजना का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जिसका जूनोटिक प्रभाव है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि सभी चिड़ियाघर चिड़ियाघरों में रखे गए बंदी जानवरों में किसी भी लक्षण और आस-पास के क्षेत्रों में किसी भी घटना, यदि कोई हो, के प्रति सतर्क और सतर्क रहें, विभाग द्वारा जारी 3 जनवरी की सलाह में कहा गया है, जो केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
जानवरों को स्थानांतरित किया गया गोरेवाड़ा परियोजना के प्रभागीय प्रबंधक शतानिक भागवत ने कहा कि मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं के कारण जानवरों को चंद्रपुर से गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने कहा कि दिसंबर के अंत में केंद्र में बड़ी बिल्लियों की मौत हो गई।
भागवत ने कहा कि बाघों को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बचाव केंद्र में लाया गया था, जबकि तेंदुआ मई से ही वहां था।
उन्होंने बताया कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में पशुओं में लंगड़ाहट और बुखार सहित विभिन्न लक्षण दिखे। उनके नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे और 2 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वे एच5एन1 वायरस से संक्रमित थे। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कीटाणुशोधन प्रक्रिया चल रही है।