
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देता एक संदिग्ध ड्रोन मिलने से हड़कंप मच गया है। करीब 7 फीट लंबा यह हाई-टेक ड्रोन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खेतों में गिरा हुआ मिला, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में जांच और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और खुफिया एजेंसियों ने इसे गंभीर सुरक्षा चिंता मानते हुए बॉर्डर एरिया में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। शुरुआती आशंका है कि यह ड्रोन पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में भेजा गया हो सकता है।
एजेंसी के अनुसार, अनूपगढ़ थाना प्रभारी ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि सुबह करीब 9:45 बजे ग्रामीणों से सूचना मिलने पर वे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और BSF को भी तुरंत सूचित किया। घटनास्थल पर मिले ड्रोन की लंबाई लगभग 5 से 7 फीट है। ड्रोन का कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ था और उससे अलग हो चुका था, जिससे उसकी निगरानी क्षमता को नुकसान पहुंचा है।
सावधानी बरतते हुए पुलिस ने बम निरोधक दस्ते को भी मौके पर बुलाया। पूरे क्षेत्र की गहनता से तलाशी ली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन के साथ कोई विस्फोटक या अन्य संदिग्ध वस्तु तो नहीं है। पुलिस ने ड्रोन को कब्जे में ले लिया है और उसे फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेजा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला काफी संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि श्रीगंगानगर पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ जिला है। सुरक्षा एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि यह ड्रोन सीमा पार से भेजा गया था या किसी सैन्य अभ्यास के दौरान दिशा भटककर यहां आ पहुंचा। हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए सुरक्षा बल पहले से ही अलर्ट पर हैं।
SHO ईश्वर जांगिड़ ने कहा कि सीमा के पास इस तरह के संदिग्ध ऑब्जेक्ट का मिलना चिंता का विषय है। हम इसके मकसद का पता लगाने के लिए हर एंगल से जांच कर रहे हैं। BSF और पुलिस द्वारा इलाके में लगातार गश्त बढ़ा दी गई है और आसपास के गांवों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
फिलहाल तकनीकी विश्लेषण की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि ड्रोन का उपयोग अक्सर सीमा पार से निगरानी, हथियार या ड्रग्स की तस्करी जैसे कार्यों में किया जाता रहा है। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही ड्रोन गतिविधियों को लेकर सतर्क हैं।