लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के 150 नेताओं ने दिया इस्तीफा, ये दिग्गज नेता अपने पद से हटे

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) के अंदर उठा-पटक जारी है। जहां एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस्तीफे पर अड़े हैं वही दूसरी तरफ कांग्रेस के कई नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रति समर्थन जताते हुए अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कई सचिवों, कई राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं या इस्तीफे की पेशकश की है। कांग्रेस के कानून व आरटीआई सेल के चेयरमैन विवेक तन्खा के इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद, दिल्ली, मध्य प्रदेश और हरियाणा के दूसरे नेताओं ने भी अपने पदों के इस्तीफे दे दिए। गुरुवार रात इस्तीफा देते हुए तन्खा ने कहा कि पार्टी बहुत लंबे समय तक गतिरोध नहीं सह सकती है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से आग्रह किया है कि वे कांग्रेस को 'एक जुझारू ताकत' के रूप में पुनर्जीवित करें। तन्खा ने शुक्रवार को कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, 'हम सभी को पार्टी के पदों से अपने-अपने इस्तीफे दे देने चाहिए और राहुल जी (Rahul Gandhi) को उनकी टीम का चयन करने का अधिकार देना चाहिए।' उन्होंने एक और ट्विट में कहा, 'मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) विभाग के कानून, आरटीआई और एचआर अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ज्यादा समय तक गतिरोध नहीं सह सकती है।'

दरहसल, युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने गांधी के समर्थन में इस्तीफा देने को लेकर हस्ताक्षर मुहिम भी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक इस पर कई पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें ज्यादातर जूनियर लोग शामिल हैं।

दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया भी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने गांधी के समर्थन में इस्तीफा दिया है। लिलोठिया ने कहा, 'मैंने शुरू से ही राहुल गांधी के नेतृत्व में काम किया। मैं जानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में उनकी क्या अहमियत है। मेरी और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल जी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।' उन्होंने कहा, 'मैंने राहुल जी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए यह कदम उठाया है। इसके बाद से कई नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं। आने वाले दिनों में और नेता इस मुहिम से जुड़ेंगे।'

150 नेताओं का इस्तीफा

तन्खा और लिलोठिया के अलावा जिन अन्य लोगों ने इस्तीफे दिए हैं उनमें कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया भी शामिल है। पदाधिकारियों की बात करें तो सचिव वीरेंद्र राठौर, छत्तीसगढ़ के सचिव अनिल चौधरी, मध्य प्रदेश के सचिव सुधीर चौधरी, जितेन्द्र भगेल, राजेश धरमाणी, नीटा डिसूज़ा, सुमित्रा चौहान, संजय चौखर और वीरेंद्र वशिष्ट जैसे नाम हैं। कुल मिलाकर इस्तीफों की संख्या 150 पर पहुंच गई है। गोवा के काग्रेस अध्यक्ष गिरीश ने भी राहुल के समर्थन में इस्तीफ़ा भेज दिया है। कांग्रेस ने इस सप्ताह अपनी उत्तर प्रदेश की सभी जिला समितियों को भंग कर दिया और लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामलों को देखने के लिए एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का भी गठन किया। आपको बता दें कि हाल के आम चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी को केवल 52 सीटों पर जीत मिली है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद उत्तर प्रदेश के अमेठी से अपनी सीट नहीं बचा पाए।

सूत्रों की माने तो इस्तीफों का ये दौर जारी रहेगा और उम्मीद की जा रही है कि आज कांग्रेस में एक बड़ा विकेट गिर सकता है। मामला यहां तक पहुंच गया है कि युवा नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन मे इस्तीफ़े तो दिए लेकिन उन्होंने सीनियर नेताओं को तीन दिन का समय दिया है। अगर सीनियर नेताओं ने तीन दिन के भीतर इस्तीफे नहीं दिए तो सभी युवा नेता उनके घर जाकर इस्तीफा मांगेंगे।

पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई

वैसे, इन इस्तीफों को लेकर फिलहाल पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले गुरुवार रात को पार्टी के विधि विभाग के प्रमुख विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को अपने पद छोड़ देने चाहिए ताकि राहुल गांधी अपनी नई टीम बना सकें।

गुरुवार को भी राहुल गांधी ने महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से साफ कहा कि वह अध्यक्ष पद छोड़ने पर कायम हैं। साथ ही गांधी ने कहा है कि जब तक कोई नया पार्टी प्रमुख नहीं मिल जाता, वे महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करते रहेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए पार्टी प्रमुख पर निर्णय लेने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक से पहले, देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल में और अधिक इस्तीफे होने की संभावनाएं हैं।

आपको बता दें कि हाल के आम चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी को केवल 52 सीटों पर जीत मिली है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) से अपनी सीट नहीं बचा पाए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें बड़े बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं।