सड़क पर आया सदन का हंगामा, राहुल ने लगाया पीएम पर बड़ा आरोप - राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को संसद से विजय चौक की ओर मार्च निकाला। मार्च निकालने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज हमें आपसे (मीडिया) बात करने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि विपक्ष को संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि संसद का सत्र समाप्त हो गया है और इस दौरान 60% देश की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया। राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान को बेचने का काम कर रहे है, प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं। इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोज़गारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है।

पेगासस पर बहस से भाग रही सरकार

राहुल गांधी ने कहा हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया लेकिन सरकार ने हमारी आवाज नहीं सुनी। हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था।

मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता

पूर्व पीएम और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता लेकिन सदन को काम करना चाहिए। नवंबर में आगामी सत्र में संसद की कार्यवाही चलाने के लिए दोनों पक्षों के सभी वरिष्ठ नेताओं को एक साथ आना चाहिए।

ऊधर, प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि संसद का सत्र शर्मनाक रहा है। शरद पवारजी ने राज्यसभा की प्रोसीडिंग पर टिप्पणी की है और कहा है कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को कभी नहीं देखा है।

आपको बता दे, लोकसभा और राज्यसभा में लगातार हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 13 अगस्त की बजाय 11 अगस्त को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में 28% और लोकसभा में 22% कामकाज हुआ। लोकसभा में 96 घंटे में से 74 घंटे बर्बाद हो गए।