
राजा रघुवंशी मर्डर मिस्ट्री में अब नया मोड़ आ गया है। जहां पुलिस जांच अपनी रफ्तार से चल रही है, वहीं ज्योतिषाचार्य पंडित अजय दुबे के कुछ चौंकाने वाले दावे अब चर्चा में हैं। पंडित दुबे का कहना है कि राजा के परिवार की ओर से उनसे पश्नकुंडली तैयार करवाई गई थी, जिसमें कई हैरान करने वाले संकेत सामने आए।
परिवार ने सबसे पहला सवाल यही किया — राजा की हत्या हो गई, लेकिन बहू सोनम कहां है? इस पर पंडित ने न सिर्फ जवाब दिया कि सोनम जिंदा है, बल्कि यह भी बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित है। पंडित दावा करते हैं कि उन्होंने जो भी भविष्यवाणियां कीं, वे अब तक एकदम सटीक साबित हुई हैं।
सोनम उत्तर दिशा में और हत्या में 3-4 लोग शामिल: दावा या इशारा?abp की रिपोर्ट के अनुसार परिवार ने अगला सवाल किया, “अगर सोनम जिंदा है, तो वो आखिर है कहां?” इस पर पंडित का कहना था कि वह उत्तर दिशा में है। तीसरे सवाल में जब पूछा गया कि “हत्या में कौन-कौन शामिल है?”, तो पंडित ने बड़े आत्मविश्वास के साथ बताया कि इसमें तीन से चार लोग शामिल हैं — और हैरानी की बात ये कि उनमें एक महिला भी शामिल है।
जब चौथा सवाल किया गया — “वो महिला कौन है?”, तब पंडित ने जो जवाब दिया उसने सबको चौंका दिया। उनका जवाब था — “वो महिला आपकी बहू सोनम ही है।”
समलैंगिक संबंध और दूसरी महिला का कनेक्शनपंडित दुबे ने आगे और भी सनसनीखेज दावा किया कि इस हत्या में एक और महिला भी शामिल हो सकती है। उन्होंने संकेत दिए कि ये महिला शायद सोनम की करीबी सहेली हो — और हो सकता है कि दोनों के बीच समलैंगिक संबंध भी रहे हों। जब यही सवाल एक बार फिर दोहराया गया, तो पंडित ने पहले के जवाब पर ही मुहर लगाई।
धोखे और छुपाए गए मृत्यु योग का आरोपपंडित अजय दुबे ने सोनम के परिवार पर बड़ा आरोप लगाया। उनका कहना है कि सोनम के घरवालों ने राजा के परिवार से एक बहुत अहम बात छुपाई — राजा की कुंडली में मृत्यु योग पहले से था। अगर यह जानकारी वक्त रहते दी जाती, तो ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते थे और शायद यह दुखद घटना टल जाती।
ज्योतिषियों से कुछ भी छुपाना नहीं चाहिएपंडित दुबे ने इस पूरे प्रकरण को लेकर सलाह भी दी। उनका कहना है कि परिवार को किसी भी ज्योतिषीय सलाह के दौरान कुछ भी छुपाना नहीं चाहिए, क्योंकि ये छोटी-छोटी बातें कभी-कभी जिंदगी-मौत का कारण बन सकती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विवाह से पहले सिर्फ गुण-मिलान ही काफी नहीं होता, बल्कि पूरे योग और संभावित खतरों की भी गहराई से जांच होनी चाहिए।