राफेल डील: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के खुलासे के बाद राहुल गाँधी ने कहा - 'पीएम मोदी ने देश के साथ धोखा किया, सैनिकों के खून का अपमान किया'

देश में राफेल Rafale Deal पर छिड़ी सियासी जंग के बीच फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद Francois Hollande ने बड़ा ख़ुलासा किया। जिसके बाद मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी Rahul Gandhi ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी PM Narendra Modi ने देश के साथ धोखा किया है और उन्होंने सैनिकों के खून का भी अपमान किया है। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि अब साफ है कि चौकीदार, सिर्फ़ भागीदार नहीं बल्कि असली गुनहगार भी है। बता दे, ओलांद ने कहा, 'भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे दैसॉ ने बातचीत की। दैसॉ ने अनिल अंबानी से संपर्क किया। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। हमें जो वार्ताकार दिया गया, हमने स्वीकार किया।' बता दें कि अप्रैल 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तब फ्रांस्वा ओलांद ही राष्ट्रपति थे। उन्हीं के साथ राफेल विमान का करार हुआ था। 'मीडियापार्ट फ्रांस' नाम के अख़बार ने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से पूछा कि रिलायंस को किसने चुना और क्यों चुना तो फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि भारत की सरकार ने ही रिलायंस को प्रस्तावित किया था।

राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया है?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया। फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया।' राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी ने देश के साथ धोखा किया है और उन्होंने सैनिकों के खून का भी अपमान किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ''पीएम मोदी ने खुद डील में हिस्सा लिया और वह बंद दरवाजों के जरिए राफेल डील में शामिल थे। मैं फ्रांस्वा ओलांद का शुक्रिया करते हूं कि उन्होंने सच बताया कि कैसे करोड़ों डॉलर के सौदे को अनिल अंबानी को दिया गया। पीएम मोदी मे देश के साथ धोखा किया है, यही नहीं उन्होंने सैनिकों के खून का भी अपमान किया है।''

ओलांद ने क्या कहा है?

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि राफेल सौदे के लिए भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था और दैसॉ एविएशन कंपनी के पास दूसरा विकल्प नहीं था। फ्रांस की एक पत्रिका में छपे इंटरव्यू के मुताबिक, ओलांद ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से ही रिलायंस का नाम दिया गया था। इसे चुनने में दैसॉ एविएशन की भूमिका नहीं है। ओलांद ने कहा, 'भारत की सरकार ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया, उससे दैसॉ ने बातचीत की। दैसॉ ने अनिल अंबानी से संपर्क किया। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। हमें जो वार्ताकार दिया गया, हमने स्वीकार किया।'

ओलांद के बयान की पड़ताल जारी- रक्षा मंत्रालय


इस खुलासे के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान की पड़ताल की जा रही है। साथ ही ये भी कहा गया है कि पूरी डील में फ्रांस या भारत किसी भी सरकार का कोई रोल नहीं था। ओलांद की यह बात सरकार के दावे को खारिज करती है जिसमें कहा गया था कि दैसॉ और रिलायंस के बीच समझौता एक कमर्शल पैक्ट था जो कि दो प्राइवेट फर्म के बीच हुआ। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।

मनीष तिवारी ने ओलांद से पूछा- 590 करोड़ से 1690 करोड़ कैसे हुई कीमत?

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए ओलांद से पूछा, 'कृपया आप हमें यह भी बताएं कि राफेल की 2012 में 590 करोड़ की कीमत 2015 में 1690 करोड़ कैसे हो गई। मुझे पता है कि यूरो की वजह से यह कैलकुलेशन की दिक्कत नहीं है।'

रक्षा मंत्री से इस्तीफा मांग रहा है विपक्ष

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था। विपक्षी दल ने हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व प्रमुख टी सुवर्णा राजू के बयान का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री से इस्तीफा मांगा था।

राफेल सौदा एक घोटाला है

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'अगर इस तरह को कोई करार हुआ है तो यह राफेल सौदा एक घोटाला है। मोदी सरकार ने झूठ बोला और भारतीयों को गुमराह किया। पूरा सच हर हाल में सामने आना चाहिए।'