राफेल विवाद : HAL को ठेके पर कांग्रेस ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को घेरा, रविशंकर प्रसाद ने कहा - राहुल गांधी विदेशी लॉबी के दबाव में

राफेल डील मामले में कांग्रेस सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती। सोमवार को कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने रक्षा मंत्री सीतारमण पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक लाख हजार करोड़ रुपए का ठेका देना की बात कही है जबकि एचएएल का कहना है कि उसे एक भी पैसा नहीं मिला। वहीं, रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एचएएल ने ठेका मिलने की पुष्टि की है।

रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि 4 जनवरी को मेरे द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पर दिए गए एक बयान पर संशय उठाया जा रहा है। मैं साफ करना चाहती हूं कि साल 2014 से अब तक रक्षा मंत्रालय और एचएएल के बीच 26,570 करोड़ रुपए के ऑर्डर साइन हो चुके है। इसके अलावा 73 हजार करोड़ रुपए के आर्डर पाइपलाइन में हैं। इसमें 50 हजार करोड़ के 83 तेजस लड़ाकू विमान, 15 हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर, 20 हजार करोड के 200 कमोव हेलीकॉप्टर, 19 डोर्नियर विमान व एरो इंजन के आर्डर शामिल हैं। साथ ही रक्षामंत्री ने कहा कि इसको लेकर गलत तरीके से सवाल उठाए जा रहे है और दुष्प्रचार किया जा रहा है।

जितना बचाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करेंगे उतना ही घोटाला गहरा होता जायेगा

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, 'राफेल मामले में भाजपा के नेता एवं मंत्री जितना बचाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करते हैं यह घोटाला उतना ही गहरा होता जाता है। यह घोटाला कोयले की खान की तरह है जितना हाथ डालेंगे काले होते जाएंगे। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गलत बयानबाजी करते हुए कहा है कि उन्होंने ने एचएएल को एक लाख हजार करोड़ का ठेका दिया है। जबकि एचएएल का कहना है कि उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला। राफेल मामले में भाजपा ने सदन और सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है।'

कांग्रेस नेता ने मांग की कि राफेल मामले में लोकसभा में चर्चा हो चुकी है और अब इस मसले पर राज्यसभा में भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में चर्चा के लिए आनंद शर्मा ने नोटिस दिया है। उच्च सदन में राफेल और राजनीतिक दलों की सीबीआई जांच के मसले पर चर्चा होनी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर एचएएल को ठेका मिलने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री एचएएल को ठेका देने की बात करती हैं जबकि एचएएल को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है। उन्होंने कहा, 'राफेल अब अनिल अंबानी के पास है और अब अब वह चाहते हैं कि एचएएल के सक्षम लोग उनके ठेके को पूरा करने में मदद करें। अब वेतन के बिना एचएएल के इंजीनियर और वैज्ञानिक अंबानी की कंपनी में जाने के लिए बाध्य होंगे।'

एक झूठ बोलते हैं तो उसे छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं

पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं। राफेल डील को लेकर पीएम मोदी की झूठ को बचाने के चक्कर में रक्षामंत्री को संसद में झूठ बोलना पड़ा। सोमवार को रक्षामंत्री को संसद के सामने वो कागजात पेश करने चाहिए, जिसमें यह जिक्र हो कि सरकार ने एचएएल को एक लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए हैं या फिर इस्तीफा दें।

कांग्रेस अध्यक्ष विदेशी लॉबी के दबाव में...

इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष विदेशी लॉबी के दबाव में हैं। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस से वीवीआईपी चॉपर अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के साथ अपने संबंधों को खुलासा करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने पूछा कि कांग्रेस ने 2011 में राफेल डील का विरोध क्यों किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में गिरफ्तार क्रिश्चियन मिशेल यूरो फाइटर के लिए भी लॉबिंग कर रहा था। यूरो फाइटर राफेल का प्रतिस्पर्धी था। जो दस्तावेज सामने आए हैं वे गंभीर और चौंकाने वाले हैं। इससे साफ जाहिर है कि वह यूरो फाइटर को ठेका दिलाना चाहता था।

केंद्रीय मंत्री कहा, 'वह कांग्रेस से तीन सवालों का जवाब चाहेंगे, पहला यह कि राहुल गांधी को बताना चाहिए कि क्रिश्चियन मिशेल के साथ उनकी इतनी निकटता क्यों है? दूसरा कांग्रेस ने 2011 में राफेल डील का विरोध क्यों किया और तीसरा कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कब तक खिलवाड़ करते रहेंगे। मैं इन तीन सवालों पर कांग्रेस पार्टी से जवाब चाहूंगा।'