जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा जिले (Pulwama)में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आत्मघाती हमले की योजना से जुड़े होने के संदेह में इन युवकों को पुलवामा और अवंतीपुरा से हिरासत में लिया है। अपनी तरह के इस पहले आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था।
ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है। फिदायीन(आत्मघाती हमलावर) की पहचान आदिल अहमद के रूप में की गयी है। वह पुलवामा के काकापुरा इलाके का निवासी आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था। प्रारंभिक जांच के अनुसार दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके के मिदूरा में आतंकी हमले की योजना बनायी गयी। पुलिस, जैश के एक अन्य स्थानीय सक्रिय सदस्य की तलाश कर रही है जो विस्फोटकों की व्यवस्था में मददगार बना।
दरअसल, गुरुवार को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इस काफिले में करीब 70 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे। उसी दौरान विस्फोटक से लदी एक कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी। आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 60 किलो विस्फोटक थे। इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें 40 जवान शहीद हो गए। इस घटना पर पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा है कि आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और अब उन्हें इसका अंजाम भी भूगतना होगा। शुक्रवार को देर शाम सीआरपीएफ के शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान पीएम मोदी और राहुल गांधी ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, शहीद जवानों को गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने श्रद्धांजलि दी।