गुरुवार शाम जम्मू एवं कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमे सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर यह हमला उस समय हुआ जब सीआरपीएफ (Central Reserve Police Force CRPF) के 78 गाड़ियों के एक काफिले को जैश आतंकी ने विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी को जवानों से भरे बस में भिड़ा दिया, जिससे बस के परखच्चे उड़ गए। शुरू में खबरें थी कि जैश आतंकी ने एसयूवी में 350 किलो आरडीएक्स (RDX) भर रखा था। लेकिन सूत्रों ने बताया कि आतंकी एसयूवी में नहीं, बल्कि एक कार में था और उसमें 350 नहीं 60 किलो आरडीएक्स (RDX) रखा हुआ था।
वहीं, सूत्रों ने यह भी बताया कि यह विस्फोट को बाईं तरफ से ओवरटेक करके अंजाम दिया गया। हमले को लेकर पूरा देश गुस्से में है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वे बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं। बहुत बड़ी कीमत उनको चुकानी पड़ेगी। मैं देश को भरोसा देता हूं, हमले के पीछे जो ताकतें हैं, इस हमले के पीछे जो भी गुनहगार हैं, उन्हें उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि समय बड़ी आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हमारे पड़ोसी देश को ये भी लगता है कि वो ऐसी तबाही मचाकर, भारत को बदहाल कर सकता है। उसके ये मंसूबे भी कभी पूरे नहीं होंगे। 130 करोड़ हिंदुस्तानी ऐसी हर साजिश, ऐसे हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ चुका हमारा पड़ोसी देश अगर ये समझता है कि जिस तरह के कृत्य वो कर रहा है, जिस तरह की साजिशें रच रहा है, उससे भारत में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो जाएगा, तो वो बहुत बड़ी भूल कर रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि देश भक्ति के रंग में रंगे लोग, सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे। साथ ही आतंक के लिए हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
CRPF ने बरती थी पूरी सतर्कता, लेकिन एक छोटी सी चूक पड़ गई भारीइस आतंकी वारदात के बाद जवानों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। फिदायीन हमले में एक बहुत बड़ी चूक जो नजर आ रही है वह है जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के एक हिस्से को स्थानीय नागरिकों के वाहनों को प्रयोग की अनुमति देना। यही वहीं मुख्य कारण हैं जिस वजह से देश के 40 से ज्यादा जवानों को अपना बलिदान देना पड़ा। सीआरपीएफ ने हादसे से पहले काफिले के रूट की पूरी सावधानी बरती थी और ग्रेनेड हमले या अचानक से होने वाली फायरिंग को लेकर काफी सतर्कता दिखाई थी और रूट की पूरी तरह से जांच की गई थी। लेकिन उन्हें क्या पता था की उनकी ये छोटी सी चूक (स्थानीय नागरिकों के वाहनों को राजमार्ग की अनुमति देना) 40 से ज्यादा जवानों को शहीद कर देगी। आपको बता दे कि पहले जब सुरक्षाबलों का काफिला चलता था, तब बीच में सिविल गाड़ियों को आने जाने की अनुमति नहीं थी। लेकिन जब हालात ठीक होने लगे तो काफिले के बीच में या आगे-पीछे सिविल गाड़ियो को चलने की अनुमति दे दी गई जो अब खतरनाक साबित हो गया। टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार ने जब सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल (ऑपरेशन्स), कश्मीर ज़ुल्फिकार हसन से बात की तो उन्होंने कहां की 'रोड ओपनिंग पार्टी (RoP) ने गुरुवार सुबह पूरे रूट की चेकिंग की थी। उस रूट पर कहीं पर भी आईईडी नहीं पाया गया था और ना ही इस बात की संभावना छोड़ी गई थी कि कोई जवानों के काफिले पर फायरिंग कर सके या ग्रेनेड फेंक सके।'