दक्षिण कोरिया (South Korea) के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को शुक्रवार को सियोल शांति पुरस्कार (Seoul Peace Prize) से सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी (PM Modi( यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं। प्रधानमंत्री मोदी को उनकी आर्थिक नीतियों, 'एक्ट ईस्ट' नीति और विकासोन्मुखी कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया है। उन्होंने इसे भारतीयों का सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि यह अकेले मेरा सम्मान नहीं है। बल्कि यह पूरे भारत का सम्मान है। उन्होंने कहा कि इस सम्मान के तहत मिल राशि को मैं नमामि गंगे प्रोजेक्ट को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे इस पूरस्कार को ऐसे साल में पाने पर गर्व महसूस हो रहा है, जिस साल को हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' के भारतीय दर्शन का भी जिक्र किया और कहा कि इसके तहत पूरी दुनिया को एक परिवार के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश और पिछले 5 साल में अर्जित इसकी सफलता के लिए है, जिसमें 130 करोड़ लोगों का योगदान है।
पुलवामा हमले के बीच उन्होंने इस मंच पर आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आज यह वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि 1988 में सियोल ओलंपिक्स के कुछ हफ्ते पहले ही आतंकी संगठन अल कायदा गठित हुआ था। मौजूदा समय में आतंकवाद वैश्विक समस्या है और शांति व सुरक्षा के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है।इससे पहले सुबह पीएम मोदी ने दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच संपन्न हुआ समझौता आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के हमारे सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय भी बातों से आगे बढ़कर, इस समस्या के विरोध में एकजुट हो कर कार्रवाई करे।