पीएम मोदी भी हुए ‘छावा’ के मुरीद, मराठी साहित्य सम्मेलन में फिल्म को लेकर कही ये बात

देशभर में इस समय फिल्म 'छावा' की चर्चा जोरों पर है। इस ऐतिहासिक फिल्म ने छत्रपति संभाजी महाराज के गौरवशाली इतिहास को लाखों लोगों तक पहुंचाया है और कई रिकॉर्ड कायम किए हैं। फिल्म को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस फिल्म से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने नई दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में फिल्म 'छावा' का उल्लेख किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मराठी भाषा ने हमें समृद्ध दलित साहित्य दिया है और अपनी आधुनिक सोच के कारण विज्ञान कथा साहित्य का भी निर्माण किया है। उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र ने आयुर्वेद, विज्ञान और तार्किक चिंतन में अहम योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा, बल्कि मराठी फिल्मों को भी एक नई पहचान दिलाई है। इस समय फिल्म ‘छावा’ हर ओर सुर्खियां बटोर रही है और लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

महाराष्ट्र की भूमि: हिंदी और मराठी सिनेमा की समृद्ध विरासत


मुंबई ने न केवल मराठी सिनेमा बल्कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। भारत अपनी प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, और इसमें साहित्य का विशेष स्थान है। साहित्य समाज का दर्पण और मार्गदर्शक होता है, इसलिए साहित्यिक महोत्सवों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोविंद रानाडे, हरि नारायण आप्टे, आचार्य अत्रे और सावरकर जैसे महान साहित्यकारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी स्थापित परंपराओं को आगे बढ़ाने में साहित्य महामंडल की अहम भूमिका होगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव

दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने मराठी भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा, मैं आपकी तरह मराठी में धाराप्रवाह नहीं बोल सकता, लेकिन मैंने हमेशा नए मराठी शब्द सीखने और बोलने की कोशिश की है। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ ने लाखों लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दी और उनके कारण ही उनका मराठी भाषा से गहरा जुड़ाव हुआ।

महाराष्ट्र के संतों की आध्यात्मिक देन

पीएम मोदी ने कहा कि भाषाएं समाज में जन्म लेती हैं, लेकिन यह समाज को आकार देने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। मराठी के संदर्भ में उन्होंने संत ज्ञानेश्वर महाराज का अभंग याद करते हुए कहा: मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है, और इसीलिए मुझे मराठी बेहद प्रिय है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत को आध्यात्मिक ऊर्जा की आवश्यकता थी, तब महाराष्ट्र के संतों ने भक्ति आंदोलन के माध्यम से देश को नई दिशा दी। मराठी भाषा ने समृद्ध दलित साहित्य, विज्ञान साहित्य, और नए विचारों को जन्म दिया, जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध हुई।

200 करोड़ी फिल्म बनी ‘छावा’

लक्ष्मण उटेकर के निर्देशन में बनी ‘छावा’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। रिलीज के पहले दिन से ही यह फिल्म उम्मीदों से बढ़कर कमाई कर रही है। फिल्म ने पहले वीकेंड में ही शानदार कमाई की थी और अब वीकडेज में भी इसका जलवा कायम है। 7 दिन पूरे करने के साथ ही ‘छावा’ ने 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे यह 2025 की पहली 200 करोड़ क्लब में शामिल होने वाली फिल्म बन गई है। फिल्म की अब तक की कमाई:

पहला दिन: ₹31 करोड़
दूसरा दिन: ₹37 करोड़
तीसरा दिन: ₹48.5 करोड़
चौथा दिन: ₹24 करोड़
पांचवां दिन: ₹25.25 करोड़
छठा दिन: ₹32 करोड़
सातवां दिन (गुरुवार): ₹22 करोड़ (अर्ली ट्रेंड रिपोर्ट के अनुसार)

'छावा' की कमाई की रफ्तार को देखते हुए लग रहा है कि आने वाले दिनों में यह फिल्म और बड़े रिकॉर्ड तोड़ सकती है।