जालंधर : भारतीय विज्ञान कांग्रेस में 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान' नारे में पीएम मोदी ने जोड़ा 'जय अनुसंधान'

पंजाब के जालंधर में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आज उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत का अभिन्‍न योगदान है। शास्‍त्री जी ने हमें जय जवान, जय किसान का नारा दिया। 20 साल पहले अटल जी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा दिया था। उन्‍होंने कहा 'हमें प्रतिस्‍पर्धा नहीं करनी, श्रेष्‍ठता दिखानी है। हाल में हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे ‘जय जवान, जय किसान’ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नारे ‘जय विज्ञान’ में गुरुवार को ‘जय अनुसंधान’ जोड़ दिया। उन्होंने कहा, 'आज का नया नारा है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान। मैं इसमें जय अनुसंधान जोड़ना चाहूंगा।' मोदी ने कहा कि यह विज्ञान ही है जिसके माध्यम से भारत अपने वर्तमान को बदल रहा है और अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहा है।

- पीएम मोदी ने कहा, 'भारतीय विज्ञान के लिए 2018 एक अच्छा वर्ष रहा। इस साल हमारी उपलब्धियों में उड्डयन श्रेणी के जैव ईंधन का उत्पादन, दृष्टिबाधितों के पढ़ने में मदद करने वाली मशीन -दिव्य नयन, सर्वाइकल कैंसर, टी बी, डेंगू के निदान के लिए किफायती उपकरणों का निर्माण और भूस्खलन के संबंध में सही समय पर चेतावनी प्रणाली जैसी चीजें शामिल हैं।'

- पीएम मोदी ने कहा कि देश को गंभीर बीमारियों से मुक्‍त कराना है। ईज ऑफ डूइंग के साथ ईज ऑफ लिविंग पर काम करना है। विज्ञान और तकनीक को आम लोगों से जोड़ना है। अटल इनोवेशन योजना को आगे बढ़ाना सरकार का मकसद है।

- उन्‍होंने कहा कि उन्नत भारत बनाने के लिए आज भारत के विज्ञान को महत्वाकांक्षी बनना होगा। हमें सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं करनी, हमें श्रेष्ठता दिखानी होगी। हमें सिर्फ रिसर्च करने के लिए रिसर्च नहीं करनी है, बल्कि अपनी खोजों को उस स्तर पर ले जाना है, जिससे दुनिया उसके पीछे चले।

- पीएम मोदी ने कहा कि खाने-पीने की चीजों से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक, लोन से लेकर आयकर तक, नए एयरपोर्ट, नेशनल हाईवेज से लेकर बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों तक, मोदी सरकार ने हर प्रकार से मध्यम वर्ग के जीवन को सुगम और सरल बनाया है।

- उन्‍होंने कहा 'हमने कृषि विज्ञान में काफी प्रगति की है, हमारे यहां पैदावार, गुणवत्ता बढ़ी है लेकिन न्यू इंडिया की जरूरतों को पूरा के लिए विस्तार की जरूरत है। बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ब्‍लॉकचेन से जुड़ी तमाम टेक्‍नोलॉजी का कम कीमत में कारगर इस्तेमाल खेती में कैसे हो, इस पर हमारा फोकस होना चाहिए।'

बता दे, पांच दिन तक चलने वही भारतीय विज्ञान कांग्रेस का थीम ‘‘भविष्य का भारत-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’’ है। इसका आयोजन लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय की ओर से किया जा रहा है। यह तीन से सात जनवरी तक चलेगा। बता दें कि पीएम मोदी जालंधर के बाद दोपहर 2 बजे गुरदासपुर में एक रैली को भी संबोधित करेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े 100 से अधिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जहां डीआरडीओ, इसरो, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, एम्स, यूजीसी, एआईसीटीई के अधिकारी हिस्सा लेंगे। इसमें ब्रिटेन, अमेरिका और भारत के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन एवं स्मृति ईरानी भी इसमें हिस्सा लेंगी।

हर्षवर्द्धन ने कहा है, ‘‘सरकार का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। वैज्ञानिकों को एक धुरी के रूप में देश के सामने आने वाली समस्याओं के नए समाधान खोजने के लिए अपने मन और आत्मा से काम करना चाहिए और आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए।’’