वाराणसी: निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से 18 की मौत, 30 लोगों के फंसे होने की आशंका

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा मंगलवार शाम 5: 40 बजे के आसपास गिर पड़ा। जिसमे 18 लोगों की मौत हो गई है। एक महिला समेत पांच शव निकाले गए हैं। पुल की शटरिंग के लिए बने वजनी पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गये। एक दर्जन से अधिक घायलों को मंडलीय अस्पताल एवं बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की सात टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हैं। इन टीमों में कुल मिलाकर 325 आदमी काम कर रहे हैं।

राहत कार्य के लिए सेना के जवान व एनडीआरएफ की टीम लगी है। रात आठ बजे तक 25 शव निकाले जा चुके थे, इसके अलावा तीन घायलों को अस्पताल में पहुंचाया जा चुका है। वहां पर अभी 25 से 30 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। इस हादसे में 50 से अधिक लोग दब गए। प्रदेश सरकार इस हादसे में मृतक के परिवारीजन को पांच-पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करेगी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया गहरा दुख

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुल हादसे पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत की और घायलों को हरसंभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया।

मृत लोगों के परिजनों को पांच लाख जबकि घायलों को दो-दो लाख रुपये की मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृत लोगों के परिजनों को पांच लाख जबकि घायलों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने का निर्देश दिया है। वहीं निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने के कारणों की जांच करने एवं इस संबंध में एक विस्तृ़त रिपोर्ट देने के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।

समिति के अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त आरपी सिंह बनाये गये हैं। समिति में जल निगम और सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने समिति से 48 घंटे में जांच रिपोर्ट तलब की है। पहले से बने चौकाघाट फ्लाईओवर के विस्तारीकरण के तहत पिछले कई माह से कैंट-लहरतारा के बीच काम चल रहा है। फ्लाईओवर की सर्विस लेन से ही बनारस से इलाहाबाद, मिर्जापुर,सोनभद्र एवं भदोही जिलों के लिए बसों और सामान्य ट्रैफिक का आवागमन होता है। इसके चलते पुल का निर्माण भी धीमा है। हादसे के समय भी जाम लगा था।

अलर्ट मोड पर अस्पताल और जिला प्रशासन

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार शाम हुए इस हादसे के बाद शहर के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जिला प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव का कार्य का जायजा लेते रहे।

शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक लहरतारा-कैंट मार्ग पर हादसा होने के बाद स्टेशन की ओर आने वाली सभी सड़के जाम हो गई। मौके पर आठ क्रेन मंगाया गया। मलबे में दबे लोगों को निकालने में रेलवे कॉलोनी के लोग जुटे रहे।

इधर, घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए शहर से सभी एंबुलेंस को मौके पर बुलाया गया। कई शवों के चिथड़े उड़ गए थे। सड़कें जाम होने के कारण घायलों को अस्पताल पहुंचाने में भी मशक्कत करनी पड़ी। अभी बी कई वाहन मलबे में फंसे है। उन्हें निकालने का प्रयास जारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बीजेपी के ऑफिस में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ समय पहले वाराणसी में दर्दनाक हादसा हो गया। मैंने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है। साथ ही अधिकारियों से बात कर उन्हें राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

मदद के लिए आगे आए लोग, रक्तदान की अपील


कैंट रेलवे स्टेशन पर घटी इस घटना में घायलों की मदद के लिए बड़ी संख्या में बीएचयू के हॉस्टलों में रहने वाले छात्र ट्रामा सेंटर पहुंचे और घायलों के मदद में जुट गए। राजाराम मोहन राय हॉस्टल में रहने वाले दीपक सिंह, अंकेश कुमार, सदाकांत ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में जरूरत पड़ने पर रक्तदान करने को कहा है।

कुलपति पहुंचे ट्रामा सेंटर, लिया जायजा

पुल गिरने में घायल लोगों के ट्रामा सेंटर में इलाज का जायजा लेने रात करीब साढ़े आठ बजे कुलपति प्रो. राकेश भटनागर भी पहुंच गए। यहां उन्होंने सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और ट्रामा सेंटर से जुड़े अधिकारियों को घायलों के इलाज की हर संभव बेहतर व्यवस्था करने की बात कही। इस दौरान सेंटर पहुंचे घायलों से बातचीत कर जानकारी भी ली।

मदद के लिए आगे आए सामाजिक संगठन

घायलों के मदद के लिए कई सामाजिक संगठनों के लोग आगे आए हैं। इसमें साधना फाउंडेशन, आल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट के सदस्यों के साथ ही बजरंग दल सहित अन्य संगठनों के सदस्य शामिल हैं। सदस्यों ने जरूरत पड़ने पर रक्तदान के साथ ही हर संभव मदद की बात मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, दीनदयाल अस्पताल के अधिकारियों से कही है।