
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को नष्ट कर दिया, भारतीय सेनाओं ने महज 25 मिनट में 21 जगहों पर हमला किया। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, लेकिन पाकिस्तान अपनी आतंकवाद को समर्थन देने वाली मानसिकता से कभी नहीं बाज आता। जब उस पर उंगली उठती है, तो विक्टिम कार्ड खेलता है, लेकिन अपनी नापाक हरकतों से पीछे नहीं हटता। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, मारे गए आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना शामिल हुई, जहां वह आंसू बहाते हुए नज़र आई।
पाकिस्तानी सेना लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर मुरीदके में आतंकियों के जनाजे में शरीक हुई। इस जनाजे में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रऊफ भी मौजूद थे। पाकिस्तानी सेना के अधिकारी हाथ बांधे और आतंकियों की मौत पर सिर झुका कर शोक व्यक्त कर रहे थे। इस दौरान भारत के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। न्यूज एजेंसी एपी ने भी कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इनके कैप्शन में कहा गया है कि मुरीदके में हुए भारत के हमलों में मरे लोगों के जनाजे में पाकिस्तानी सैनिक भी शामिल हुए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि फौजी अफसरों के अलावा पुलिस और आईएसआई के कई आला अधिकारी भी मातम मनाने पहुंचे थे। कुछ वीडियो ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें लोग भारत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सुने जा सकते हैं। यह पाकिस्तान की असली मानसिकता और उसकी गिरी हुई पहचान को उजागर करता है।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा?पहलगाम आतंकवादी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया। इस एयर स्ट्राइक में कई आतंकवादी मारे गए, जिनमें मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार और करीबी भी शामिल थे। भारत सरकार ने बुधवार (7 अप्रैल, 2025) को ऑपरेशन सिंदूर के वीडियो और फोटोग्राफिक सबूत जारी किए।
सैन्य अधिकारियों ने आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों की क्लिप भी दिखाई। प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ था।
प्रेस ब्रीफिंग में क्या बताया गया?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादी यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे।
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, हमला रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच किया गया। पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने क्या कहा?इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त ब्रीफिंग में बताया, 22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवार के सामने सिर में गोली मारी। इस दौरान परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से बढ़ रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना और दंगा भड़काना था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें पीड़ितों को बहुत नजदीक से सिर में गोली मारकर और उनके परिवार के सामने मारा गया। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर इस तरह से मारा गया कि उन्हें संदेश वापस ले लेना चाहिए। यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।
उन्होंने आगे कहा, रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हुई है। पहलगाम पर हुआ हमला कायराना था और पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के आतंकवादियों से संबंध उजागर हुए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाली हमारी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि भारत पर और हमले हो सकते हैं और उन्हें रोकना और उनसे निपटना आवश्यक समझा गया।
उन्होंने कहा, आज सुबह, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। हमारी कार्रवाई नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी। हमने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया। इस प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत में भारत पर हुए कई हमलों से जुड़ी एक क्लिप भी दिखाई गई थी, जिसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई आतंकी हमला, उरी, पुलवामा और पहलगाम हमला शामिल है।