LOC पर पाकिस्तान की फायरिंग, MEA का बयान- 16 नागरिकों की गई जान

कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा (LOC) पर की गई गोलाबारी में अब तक 16 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया।

पाकिस्तान की हरकतें उकसाने वाली: एमईए

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई उकसावे की श्रेणी में आती है और भारत केवल इसका जवाब दे रहा है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि POK में नीलम-झेलम प्रोजेक्ट को लेकर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और तथ्यविहीन हैं। भारत ने 7 मई की सुबह केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।

भारत इंडस वॉटर ट्रिटी का करता रहा है सम्मान

विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत पिछले 60 वर्षों से इंडस जल संधि (Indus Water Treaty) का सम्मान करता आ रहा है, जबकि पाकिस्तान लगातार इसमें कानूनी बाधाएं उत्पन्न करता रहा है। यह संधि सौहार्द और मित्रता की भावना पर आधारित है और भारत ने इतने उकसावे के बाद भी इस संधि को निभाने का धैर्य रखा है। भारत ने समय-समय पर पाकिस्तान से संशोधन की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने संधि का सम्मान नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

भारत की कार्रवाई सटीक, नियंत्रित और केन्द्रित

टीआरएफ (TRF) पर बात करते हुए एमईए ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम पर बयान जारी किया तो पाकिस्तान ने उसमें TRF का नाम शामिल किए जाने का विरोध किया। एयरस्ट्राइक पर विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई बेहद सटीक, नियंत्रित और केन्द्रित रही, जिसमें सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया, बल्कि केवल आतंकवादी ठिकानों को लक्ष्य बनाया गया।

पाकिस्तान- आतंकवादियों का गढ़: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों का गढ़ बताते हुए कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त जांच समिति की मांग करता है, जबकि उसका खुद का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। मुंबई हमले और पठानकोट हमले में भारत ने फॉरेंसिक सबूत देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। भारत ने जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को पकड़ा और सभी सबूत सौंपे, तब भी पाकिस्तान ने जांच में सहयोग नहीं किया।