भरतपुर : सुखद खबर! अस्पतालों में खाली हुए 60% बेड, श्मशान होने लगे सूने

कोरोना के आंकड़ों में अब कमी देखी जा रही हैं जिसका असर अस्पतालों में भी साफ़ देखा जा रहा हैं। संक्रमितों के साथ ही मरने वालों के आंकड़ो में भी कमी आने लगी हैं। इससे अस्पतालों में बेड की उपलब्धता होने के साथ ही श्मशान सूने होने लगे हैं।भरतपुर में अब नए केसों की औसत संख्या 200 से कम हो गई है। संक्रमण दर जो 10 मई को 71.59% थी वह घटकर 20 मई को 18.63% पर आ गई। सबसे सुखद बात यह है कि 1 मई को यानि 21 दिन पहले शहर के कोविड अस्पतालों में 314 बेड फुल थे। केवल 20 बेड ही खाली होने से मरीज भटक रहे थे। लेकिन, अब हालात बदले हैं। गुरुवार को कोविड अस्पतालों में 490 बेड खाली थे, जो उपलब्ध बेडों की संख्या का 60% हैं। अब सामान्य के साथ-साथ ऑक्सीजन वाले बेड आसानी से मिल रहे हैं। वेंटिलेटर भी 5 उपलब्ध हैं।

जबकि अप्रैल के आखिर और 10 मई तक फुल रहे शहर के सबसे बड़े कोविड अस्पताल आरबीएम में भी कुछ बेड खाली हो गए हैं। यहां 270 बेड में से 103 खाली हैं। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 225 में से 151 पर मरीज भर्ती हैं। यहां 12 मई को सभी वेंटिलेटर पर मरीज भर्ती थे, जबकि शुक्रवार शाम तक 3 वेंटिलेटर खाली हो चुके थे।

श्मशान अब सूने क्योंकि पहले जहां 7 मौतें हो रही थीं अब 3 तक सिमटी

भरतपुर में कोरोना से मौतें हालांकि अप्रैल में कम थी। मई में ये 3 गुना से भी ज्यादा हो गईं थी। अप्रैल में जहां 22 कोरोना से मृत रोगियों के अंतिम संस्कार हुए थे। वहीं मई में मौतों की संख्या 73 तक पहुंच हुई। हालांकि यह सरकारी आंकड़े हैं। इसलिए श्मशानों में हो रहे अंतिम संस्कार और सरकारी आंकड़ों में अंतर बना हुआ है। आंकड़ों को देखें तो सरकारी रिकॉर्ड में 11 मई एवं 14 मई को 7-7 मौतें हुई थीं। लेकिन, इसके बाद यह आंकड़ा घटकर 3 पर आ गया है। नए संक्रमितों की संख्या भी 10 मई को सबसे ज्यादा 877 रही थी। अब यह घटकर 200 से कम पर आ गई है। यह बहुत ही राहत भरी खबर है कि भरतपुर में कोरोना से अब हर दिन होने वाली मौतें घट रही हैं और नए केस की स्थिति कम हो गई है।