6 महीने के लिए महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, एनसीपी ने लगाया राज्यपाल पर आरोप

19 दिनों की उठापटक के बाद आखिरकार महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की कैबिनेट की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिया है। राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति शासन की भेजी गई सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी। इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यिारी ने राज्य की मौजूदा हालत की रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी। रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि संविधान के मुताबिक राज्य में सरकार नहीं बन सकती है। उन्होंने रिपोर्ट में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी। नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने राज्यपाल के इस सिफारिश को अपनी स्वीकृति दे दी थी, इसके बाद गृह मंत्रालय ने इस फाइल को राष्ट्रपति के पास भेज दी थी। राष्ट्रपति ने राज्य में संविधान की धारा-356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है।

बता दे, महाराष्ट्र में फिलहाल 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। अगर इस दौरान कोई पार्टी बहुमत साबित करती है तो राष्ट्रपति शासन हट जाएगा। एनसीपी ने कहा कि हमने 3 दिन का राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए समय मांगा था लेकिन गवर्नर के अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया कि 15 दिन बीत गए है और सरकार बनने कि कोई संभावना नहीं दिखती है।

राज्यपाल ने बताया कि वह राज्य में सरकार के लिए सभी प्रयास कर चुके हैं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। राज्यपाल इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि यहां कोई स्थिर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।

इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने अपने एक बयान में कहा कि मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं, जो सभी विकल्प अपनाए बिना जल्दबाजी में की गई। यह राज्यपाल की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या राज्यपाल दबाव में काम कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता विजय वदेत्तीवार ने कहा राष्ट्रपति शासन सरकार गठन की राह में रोड़ा नहीं बनेगा। उन्होंने कहा, जब तीनों दलों (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना) ने यह दर्शा दिया था कि उनके पास 144 से अधिक विधायकों का समर्थन है तो राज्यपाल को हमें सरकार गठन का न्योता देना चाहिए था।

यही नहीं कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी इस तरह के विचार साझा करते हुए कहा है कि एक बार हमारे पास समर्थन के पत्र आ जाएं, तो राष्ट्रपति शासन हटा दिया जा सकता है। इसी मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि राज्यपाल को हमारी पार्टी को सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता दिखाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था।

वही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अपने विधायकों से मिलने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे मलाड स्थित रीट्रीट होटल पहुंचे है। उनके साथ आदित्य ठाकरे, उनके छोटे बेटे तेजस ठाकरे भी होटल में मौजूद हैं। इस होटल में शिवसेना के 56 विधायकों के अलावा उनको समर्थन दे रहे 8 निर्दलीय विधायक भी मौजूद है। इस मीटिंग में शिवसेना अपने अगले कदम पर चर्चा कर रही है।