'अब राम का काम करना है और वो होकर रहेगा': RSS प्रमुख मोहन भागवत

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद रविवार को उदयपुर पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रताप गौरव केन्द्र में नवनिर्मित भक्तिधाम प्राणप्रतिष्ठा और जन समर्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इशारों ही इशारों में राम मंदिर के निर्माण की बात कह डाली। उन्होंने कहा राम का नाम लेने से नहीं राम का काम करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं।

मोहन भागवत ने कहा, ''राम का काम करना है और वो होकर रहेगा। सबको मिलकर करना है राम का काम। राम हमारे अंदर रहते हैं। खुद का काम खुद करना पड़ता है। सौंप देते हैं किसी को फिर भी निगरानी रखनी पड़ती है।''

दरहसल, आरएसएस शुरू से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरोकार रही है। इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर कई आंदोलन भी चलाए गए हैं। यह संस्था मौजूदा बीजेपी सरकार पर दबाव भी बनाती रही है ताकि किसी उचित फैसले के तहत राम मंदिर का निर्माण हो सके। हालांकि केंद्र की मोदी सरकार यह मसला अदालती फैसले के जरिये निबटाना चाहती है। अयोध्या की विवादित जमीन पर मंदिर बने या नहीं, फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि इतिहास कहता है कि जिस देश के लोग सजग, शीलवान, सक्रिय और बलवान हों, उस देश का भाग्य निरंतर आगे बढ़ता है। संघ प्रमुख ने कहा कि हमेशा चर्चा होती है कि भारत विश्वशक्ति बनेगा, लेकिन उससे पहले हमारे पास एक डर का एक डंडा अवश्य होना चाहिये, तभी दुनिया मानेगी। मोहन भागवत ने मोरारी बापू के संबोधन को याद दिलाते हुए कहा कि राम का काम सभी को करना है और राम का काम होकर रहेगा।

इससे पहले देश में हुए आम चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत के साथ जोरदार वापसी के एक दिन बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस साल का लोकसभा चुनाव दो अलग अलग विचारधाराओं - जीवन का हिंदू तरीका और बहिष्कार तथा विभाजन की राजनीति- के बीच था।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर सहकार्यवाह (संयुक्त महासचिव) मनमोहन वैद्य ने यहां एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों से, स्वतंत्रता के बाद से चली आ रही वैचारिक लड़ाई अब ‘‘निर्णायक स्थिति’’ में पहुंच गई है। चुनाव परिणामों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि यह ‘भारत’ के एक उज्जवल भविष्य के लिए खुशी का दिन है। वैद्य ने कहा कि 2019 के आम चुनाव भारत में दो भिन्न विचारधाराओं के बीच प्रतिद्वंद्विता का रहा है।

संघ नेता ने कहा, ‘‘एक विचारधारा प्राचीन अभिन्न मूल्यों के समग्र और सभी समावेशी विचार प्रक्रिया पर आधारित है, जिसे संसार में हिंदू जीवन पद्धति के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘जबकि दूसरी विचारधारा यह है कि जिसका गैर-भारतीय परिप्रेक्ष्य है और वह भारत को खंडित पहचान से देखती है। यह समाज को व्यक्तिगत लाभ के लिए जाति, भाषा, राज्य या धर्म के आधार पर बांटती है।’’

वैद्य ने कहा कि यह चुनाव उस वैचारिक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि स्वतंत्रता के बाद से ही चल रही है। भाजपा का नाम लिये बिना वैद्य ने इसके ‘‘सशक्त नेतृत्व’’ और इसकी वैचारिक लड़ाई के समर्थन में लगे कार्यकर्ताओं को बधाई दी।

आपको बता दें कि मार्च महीने में ग्वालियर में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन विदसीय बैठक हुई थी जिसमें राम मंदिर निर्माण का मार्ग जल्द प्रशस्त किए जाने पर जोर दिया गया था। प्रतिनिधि सभा की बैठक के पहले दिन वक्ताओं ने राम मंदिर निर्माण की पैरवी करते हुए सभी बाधाओं को दूर किए जाने के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया। सह सरकार्यवाह डॉ। मनमोहन वैद्य ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राम मंदिर मामले में संबंधित पक्ष अदालत में अपनी बात रख चुके हैं। अब इसे सुप्रीम कोर्ट को देखना है। प्रतिनिधिसभा की बैठक में सुप्रीम कोर्ट की पहल से संघ को लगता है कि मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को जल्द दूर किया जा सकेगा और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा।