जिन सवर्णों के पास खेती की 5 एकड़ से कम जमीन होगी, उन्‍हें आरक्षण का लाभ मिलेगा, जानें कुछ और अहम बातें

लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है। केंद्र सरकार ने अब आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। देश के करोड़ों लोगों को केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा। नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस फैसले के जरिए सवर्णों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है। बता दें, सवर्ण और मध्यम वर्ग का बड़ा धड़ा भाजपा से नाराज चल रहा था। भाजपा ने इस फैसले के जरिए इसी धड़े को लुभाने की कोशिश की है। इस फैसले की प्रमुख बातें ये हैं-

- सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा।

- सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, यह आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से अलग होगा (50%+10%)। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है।

- केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला के मुताबिक जिन लोगों की सालाना आमदनी 8 लाख से कम होगी उन्‍हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।

- जिन सवर्णों के पास खेती की 5 एकड़ से कम जमीन होगी, उन्‍हें आरक्षण का लाभ मिलेगा।

- इस आरक्षण का लाभ वे सवर्ण पा सकेंगे, जिनके पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी।

- जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का आवासीय प्‍लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे।

- इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्‍लॉट है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

- सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है। इसके लिए संविधान के अनुच्‍छेद 15 और 16 में संशोधन होगा।

- गुजरात में पाटीदारों के आरक्षण की मांग को लेकर हुए बड़े आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने पटेलों की नाराज़गी को कम करने के लिए साल 2016 में सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी।