महाराष्ट्र में आज से 17 लाख सरकारी कर्मचारी सातवां वेतन आयोग लागू करने सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर 3 दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी संगठन (एमएसईओ) के अध्यक्ष मिलिंद सरदेशमुख ने कहा कि तालुका स्तर तक के सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे, जिसमें शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों व अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे।
देशमुख ने मीडिया को बताया, ‘सरकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन के बावजूद हमारी मांगों पर चुप बैठी है, जिसमें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करना शामिल है, जिसे एक जनवरी 2016 से प्रभावी होना है।’
हड़ताल के परिणामस्वरूप मुख्यालय, मंत्रालय, कलेक्ट्रेट, तहसील और तालुका स्तर के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। यही नहीं शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सा एवं अन्य संबंद्ध संस्थानों में भी कामकाज प्रभावित होगा। कर्मचारी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी परिसंघ भी हड़ताल में शामिल होगा, क्योंकि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि उनकी मांगें पूरी होंगी।
सरकार यह कहते हुए मामले में देरी कर रही है कि वह इस मामले पर केपी बख्शी समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, क्योंकि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर कर्ज के बोझ से दबे राज्य पर 21,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।