शिवराज सिंह चौहान ने कहा 'टाइगर अभी जिंदा है', दिग्विजय सिंह का तंज - 'हम संरक्षण करेंगे, यह दुर्लभ प्राणी होता जा रहा है'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के मतदाताओं को निश्चिंत रहने का आश्वासन बेहद अनूठे स्टाइल से दिया था। बॉलीवुड के 'सुल्तान' सलमान खान की फिल्म 'टाइगर ज़िन्दा है' से प्रभावित होकर शिवराज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बुधनी की जनता को संबोधित करते हुए कहा, आगे क्या होगा, इस बात की चिंता न करें, क्योंकि 'टाइगर अभी ज़िन्दा है।' बुधनी के मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, 'किसी को भी इस बात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं कि आगे क्या होगा। मैं अभी यहीं हूं... टाइगर अभी ज़िन्दा है...'

शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के इस बयान पर रविवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने तंज कसते हुए कहा है कि राज्य में 'टाइगर' का संरक्षण किया जाएगा। दिग्विजय ने कहा, 'टाइगर का संरक्षण किया जाएगा। यह दुर्लभ प्राणी होता जा रहा है।'

बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य की कुल 230 सीटों में से 114 पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी, जबकि BJP को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इनके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) को दो, समाजवादी पार्टी (SP) को एक सीट मिली थी, जबकि चार सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे। बाद में, BSP तथा SP ने कांग्रेस को समर्थन देकर उनकी सरकार बनवा दी।

वहीं, दिग्विजय ने इसके अलावा एक सवाल के जवाब में कहा, 'व्यापम मामले को सीबीआई दबाने की कोशिश कर रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है, आगे क्या करना है वह इस पर विचार करेगी।' प्रशासनिक व्यवस्था पर दिग्विजय ने कहा, 'प्रशासन में इतने दलाल बीच में तैयार कर दिए हैं। कभी कलेक्टर व एसपी के तबादलों में पैसा नहीं चलता था, भीड़ इकट्ठा करने को नहीं कहा जाता था, इसलिए प्रशासनिक तंत्र को सुधारने की आवश्यकता है।'

हनुमान की जाति बताए जाने के सवाल पर सिंह ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बजरंग बली दलित थे, बुक्कल नवाब ने उन्हें मुसलमान बताया, अब भाजपा के मंत्री चौधरी साहब उन्हें जाट बता रहे हैं। जो लोग ऐसा कह रहे हैं उन्हें माफी मांगनी चाहिए और विहिप व अखाड़ा परिषद को ऐसे लोगों का तिरस्कार करना चाहिए।'