भाजपा पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने का दबाव है। दरहसल, संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि इससे हिंदुओं एवं मुस्लिमों के बीच तनाव खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि, ‘अब तक यह हो जाना चाहिए था। भव्य राम मंदिर का निर्माण हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की एक बड़ी वजह को खत्म करने में मदद करेगा और अगर मंदिर शांतिपूर्ण तरीके से बनता है तो मुस्लिमों की तरफ अंगुलियां उठनी बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह देश की संस्कृति और 'एकजुटता को मजबूत' करने का मामला है, यह देश के करोड़ों लोगों के विश्वास का मुद्दा है। उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत का भी समर्थन किया लेकिन कहा कि अंतिम फैसला राम मंदिर समिति के पास होगा जो मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन चला रही है।' ऐसे में भाजपा इस मुद्दे को चाहकर भी दरकिनार नहीं कर सकती है। इसी को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि अयोध्या की विवादित जमीन के मालिकाना हक पर बातचीत करते समय राम मंदिर के निर्माण के तथ्य से किनारा नहीं किया जा सकता है।
अमित शाह ने गुरुवार को कहा, 'इस पूरे विवाद में इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि अयोध्या में राम मंदिर ध्वस्त हुआ है। जब हम इस पर बातचीत करेंगे तो आप उस घटना से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं जो 600 साल पहले घटी थी।' उन्होंने यह बातें नई दिल्ली के डॉक्टर अंबेडकर अतंरराष्ट्रीय केंद्र में दो किताबों- अयोध्या के चश्मदीद और युद्ध में अयोध्या की रिलीज पर कहीं। इन किताबों के लेखक पत्रकार हेमंत शर्मा हैं। इस कार्यक्रम में उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत और गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी थे। शाह ने आगे कहा, 'लेकिन एक ऐसा पल आया था जब लोगों ने अपना धैर्य खो दिया और स्वतंत्र भारत में जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। छह सदी पहले अयोध्या में मंदिर ध्वस्त होने के बाद से ही लोगों का आंदोलन चल रहा था और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि संस्कृति की जीत नहीं हो जाती।'
भाजपा प्रमुख का बयान ऐसे समय पर आया है जब सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार कर रही है कि इस मामले को पांच जजों की बेंच को हस्तांतरित किया जाए या नहीं। इस मामले पर फैसला इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जहां मंदिर बनवाने की चाह रखने वाले लोगों की मांग है कि विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर जल्द से जल्द फैसला दिया जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट अपने पुराने आदेश पर दोबारा विचार कर रही है। जिसमें उनसे कहा था कि मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
भाजपा के उस दृष्टिकोण को दोहराते हुए कि सभी संवैधानिक माध्यमों के जरिए यह कोशिश की जाएगी कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बने, शाह ने कहा कि इस पूरे विवाद की जड़ यह है कि वहां पर एक मंदिर था। जिसे कि 16वीं शताब्दी में तोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम हिंदू देवताओं में काफी श्रद्धेय हैं और इसी वजह से भारत के गांवों में उनके मंदिर बने हुए हैं।