हार पर मंथन, CWC की मीटिंग आज, राहुल गांधी कर सकते हैं इस्तीफे की पेशकश

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों कांग्रेस (Congress) को मिली करारी हार के बाद पार्टी अपना वजूद तलाश रही है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी को इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा शायद कांग्रेस ने कभी सोचा भी नहीं होगा। अब इस हार पर मंथन करने के लिए आज कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के दौरान अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। यह जानकारी उस समय आई है कि जब पार्टी के कई स्थानीय नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजबब्बर ने इस्तीफे की पेशकश की है। इतना ही नहीं कर्नाटक में सरकार होने के बावजूद बुरा प्रदर्शन करने के चलते कर्नाटक कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। साथ ही पटनायक ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्र की अगुवाई में एक समिति का गठन किया गया है जो प्रदेश में पार्टी की इस जबरदस्त हार के कारणों का पता लगाएगी। कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी में मिली हार के बाद जिला इकाई के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी हार का नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को हार का पूरा जिम्मा लेते हुए अपने इस्तीफे की भी पेशकश की थी, जबकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। हालांकि बाद में कांग्रेस (Congress) ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि राहुल ने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की। वहीं देखा जाए तो अब कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि सदन में विपक्ष के नेता को भी नियुक्त कर सके। ऐसा अब लगातार दो बार हो चुका है।

सीडब्ल्यूसी की बैठक के संदर्भ में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सीडब्ल्यूसी (CWC) की बैठक में मुख्य रूप से हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। इस बारे में भी चर्चा होगी कि पार्टी को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है। इस बैठक में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh), महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) और कार्यसमिति के अन्य सदस्य शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में करारी हार का सामना करना पड़ा है। वह 52 सीटों पर सिमट गई है। साल 2014 के चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली पार्टी को इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।

उठने लगे है पार्टी में अंदरूनी कलह

वहीं अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल की ओर से किए गए निजी हमले जब काम नहीं कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें जारी क्यों रखा। ऐसा ही कुछ आडवाणी के साथ भी हुआ था जब 2009 में कमजोर प्रधानमंत्री कहते हुए उन्होंने मनमोहन सिंह पर निजी हमला किया था। लेकिन जितना उन्होंने उन पर हमला किया उतना ही उनका खुद का नुकसान होता गया। बाद में हालात यह रहे कि जनता ने इस बात को नकार दिया और सिंह एक बार फिर किंग बने। निजी हमले न उस समय काम किए थे और न ही आज काम कर सके। जितना विपक्ष ने उन पर हमले किए, यहां तक की चोर शब्द का भी इस्तेमाल किया उतना ही लोगों का उन्हें सपोर्ट मिलता रहा।