नई दिल्ली। कुवैती सरकार दक्षिणी अहमदिया प्रांत में हुई विनाशकारी आग के पीड़ितों के परिवारों को 15-15 हजार डॉलर देगी, जिसमें 46 भारतीयों सहित 50 लोगों की मौत हो गई थी। कुवैती अधिकारियों के अनुसार, 12 जुलाई को मंगाफ शहर में एक सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग इमारत के भूतल पर गार्ड के कमरे में बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।
इस इमारत में 196 प्रवासी कामगार रहते थे, जिनमें से ज्यादातर भारतीय थे। अरब टाइम्स अखबार ने मंगलवार को बताया कि कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के आदेश पर, पीड़ितों के परिवारों को 15,000 अमेरिकी डॉलर (12.5 लाख रुपये) का मुआवजा मिलेगा। सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी और पीड़ितों के दूतावासों को भेज दी जाएगी। मरने वालों में 46 भारतीय थे। तीन अन्य मृतक फिलिपींस से थे, और पीड़ितों में से एक की पहचान नहीं हो पाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संबंधित दूतावास यह सुनिश्चित करेंगे कि आग से प्रभावित लोगों के परिवारों को धनराशि वितरित की जाए, प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि पीड़ितों के परिवारों तक सहायता तुरंत पहुंचे। अखबार ने कहा, 'इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य इस कठिन समय में शोक संतप्त परिवारों की सहायता करना है।' भारत सरकार ने भीषण आग में जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। केरल सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह आग त्रासदी में मरने वाले राज्य के लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
त्रासदी में मरने वाले भारतीयों में 24 केरल के निवासी थे। कुवैत की सरकार ने घटना की जांच शुरू कर दी है। कुवैत के सरकारी वकील ने एक्स पर कहा कि जांच का उद्देश्य घटना के पीछे की परिस्थितियों को उजागर करना है, और यह पता लगाना है कि किस वजह से घातक आग लगी। आग की घटना के बाद सुरक्षा और बचाव उपायों में लापरवाही के कारण हत्या और चोट पहुंचाने के आरोप में एक कुवैती नागरिक और कई विदेशियों को गिरफ्तार किया गया है।