गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है जिसमे कम से कम 42 जवान शहीद हे गए। सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया। तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर देख स्थानीय निवासियों का खून जम गया। यह आतंकवादी घटना यहां से 20 किलोमीटर दूर हुई। घटना में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किलोमीटर दूर, यहां तक कि पुलवामा से जुड़े श्रीनगर के कुछ इलाकों तक भी सुनाई दी।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि घटना में शहीद हुए जवानों के क्षत विक्षत शव जम्मू कश्मीर राजमार्ग में बिखर गए। कुछ शवों की हालत तो इतनी खराब है कि उनकी शिनाख्त में काफी वक्त भी लग सकता है। विस्फोट की आवाज सुनाई देते ही लोग यहां वहां भागने लगे। घटनास्थल से 300 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित लेथपुर बाजार के दुकानवाले अपनी अपनी दुकानों के शटर गिरा कर भाग गए। शव इतनी बुरी तरह क्षत-विक्षत हो चुके हैं कि चिकित्सकों के लिए हताहतों की वास्तविक संख्या बताना बहुत कठिन हो रहा है।
रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। जिनमें से ज्यादातर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद वापस लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। ये काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे चला था और माना जा रहा था कि इसे शाम तक श्रीनगर पहुंचना था। सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया कि ये एक बड़ा काफिला था और करीब 2500 सुरक्षाकर्मी अलग-अलग वाहनों में जा रहे थे। आतंकवादियों ने जिस स्थान पर घटना को अंजाम दिया है वह लाथपोरा के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर से ज्यादा दूर नहीं है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक पुलिस ने आतंकी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के रूप में की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। पुलिस ने बताया कि जैश आतंकी आदिल ने स्कॉर्पियो से सीआरपीएफ के बस में टक्कर मारी थी। आतंकी आदिल ने जिस गाड़ी से टक्कर मारी उसमें 350 किलो विस्फोटक थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला घृणित कृत्य है। ‘मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं । हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा ।’
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री ने राज्यपाल से बातचीत की जिन्होंने उन्हें राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक राजीव जैन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक आर आर भटनागर से भी बातचीत की और उन्हें जरूरी निर्देश दिये। गृह मंत्रालय स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की आज सुबह बैठक होगी जिसमें जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति के बारे में विचार किया जाएगा। इस समिति में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर विधानसभा पर 2001 में हुए आत्मघाती कार बम हमले के बाद इस तरह का यह दूसरा हमला है। इससे पहले वाले हमले में तीन आत्मघाती हमलावर सहित 41 लोग मारे गये थे। सितंबर 2016 में उरी सैन्य अड्डे पर जैश आतंकवादियों के हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे और कई अन्य घायल हो गये थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी।