जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में सेना के काफिले पर IED ब्लास्ट, 9 जवान घायल, 3 की हालत गंभीर

जम्मू कश्मीर के पुलवामा के अरिहल गांव में सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ है। हमले में आतंकियों ने IED का इस्तेमाल किया है। सोमवार को आतंकवादियों ने सेना के एक गश्ती काफिले को निशाना बनाते हुए यह हमला किया है। इस हमले में सेना के 9 जवान घायल हो गए हैं। इनमें से 3 की हालत गंभीर है। सभी जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि पुलवामा के अरिहल गांव के पास 44 राष्ट्रीय राइफल्स का बख्तरबंद वाहन हमले की चपेट में आया है। ये हमला तब हुआ जब सेना की बख्तरबंद गाड़ी यहां से गुजर रही थी। हमला इतना भयंकर था कि सेना के वाहन के परखच्चे उड़ गए। हमला होते ही सेना के जवान तुरंत हरकत में आ गये और इलाके को घेर लिया और किसी दूसरे हमले को टालने के लिए हवा में गोलियां चलाईं। श्रीनगर से रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि गश्ती दल पर हमले का असफल प्रयास हुआ और कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं और सभी जवान सुरक्षित हैं। यह जगह, 14 फरवरी को हुये हमले वाली जगह से 27 किलोमीटर की दूरी पर है।

आतंकी जाकिर मूसा की हत्या का बदला

रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने पुलवामा में हमले की अलर्ट की जानकारी भारत और अमेरिका से साझा की है। सूत्रों का कहना है कि आतंकी जाकिर मूसा की हत्या का बदला लेना चाहते हैं। इनपुट अलर्ट मिलने के बाद जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों को चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया था। जम्मू और कश्मीर पुलिस के जवान विशेष रूप से राजमार्ग पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। पाकिस्तान ने भारत और अमेरिका को बताया था कि दोबारा IED अटैक हो सकता है। सूचना मिलते ही अलर्ट जारी कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर सभी सुरक्षाबल सतर्क हो गए। पाकिस्तान ने बताया कि साउथ कश्मीर में आतंकी हमला हो सकता है। बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। कार सुसाइड बम के जरिए धमाका कर हमले को अंजाम दिया गया था।

CRPF के गश्ती दल पर हमला

बता दें कि बीते बुधवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने CRPF के गश्ती दल पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हो गए थे। दूसरी तरफ, जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को भी मार गिराया था। मालूम हो कि बीते फरवरी महीने में पुलवामा में ही CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया था, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे।