कोरोना का कहर: चीन का सहारा बनेगा भारत, पूरी करेगा इन दो दवाओं की किल्लत!

चीन में बढ़ते कोरोना ने एक बार फिर पूरी दुनिया की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चीन में संक्रमण के हालात 2020 की याद दिला रहे हैं। तब से अब तक शी जिनपिंग सरकार ने इससे निपटने के लिए सख्त नियम लागू किए। जीरो कोविड पॉलिसी लाई गई। बेहद सख्त लॉकडाउन लगते रहे। तमाम दावों और वादों के बावजूद कोरोना कंट्रोल नहीं किया जा सका। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी के विरोध के बाद सरकार ने ढील दी और लॉकडाउन हटा दिया, लेकिन अब यहां स्थिति खराब होती नजर आ रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

चीन द्वारा सख्त COVID-19 नियमों में अचानक ढील देने के बाद बुखार की सामान्य दवाओं और वायरस परीक्षण किट की मांग में जोरदार उछाल आया, जिसमें सिरदर्द की दवा इबुप्रोफेन (Ibuprofen) और बुखार की दवा पैरासिटामोल (Paracetamol) की भारी किल्लत हो गई है। बढ़ते कोरोना के प्रकोप और इन जरूरी दवाओं की किल्लत दूर करने में भारत ने चीन का सहारा देने की बात कही है। फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmexcil) का कहना है कि हम इन दोनों दवाओं का निर्यात बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

Pharmexcil के चेयरपर्सन साहिल मुंजाल ने बताया कि चीन से इन दोनों दवाओं की पूछताछ हमारे पास आ रही है। वहां फिलहाल इन दोनों ही दवाओं की मांग आसमान छू रही है और इनकी भारी किल्लत हो गई है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है और इस संकट की घड़ी में चीन की मदद करने के लिए तैयार है।