पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने किसानों को बहकाया और उन्हें लाल किला ले गए: किसान नेता

कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में शामिल उपद्रवियों ने देश को शर्मसार कर दिया। परेड के लिए तय रूट को छोड़ हुड़दंगी दिल्ली के मध्य तक घुस आए और जमकर उपद्रव किया। लाल किले पर धावा बोलकर उपद्रवियों ने वहां केसरिया झंडा लगा दिया। किसान ट्रैक्‍टर रैली के दौरान हुए उपद्रव में दिल्‍ली पुलिस को भी निशाना बनाया गया। वहीं दिल्‍ली पुलिस ने इस हिंसा को लेकर जांच तेज कर दी है। दिल्‍ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सेंट्रल दिल्ली में हुई हिंसा में गैंगस्टर व एक्टिविस्ट लख सदाना की भूमिका की जांच की जा रही है। वहीं, किसान संगठनों ने लाल किले पर हुई हिंसा का आरोप पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू पर लगाया है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाया है कि किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किले ले गया। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहेंगे। ये आंदोलन धार्मिक आंदोलन नहीं है। चढ़ूनी ने कहा कि दीप सिद्धू बहुत दिन पहले से गढ़बढ़ कर रहे हैं और किसान नेताओं के खिलाफ बोलते हैं।

दीप सिद्धू ने जारी किया वीडियो

इस बीच, दीप सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि लाल किला पर झंडा उन्होंने ही लगाया पर अपने ऊपर लगे आरोपों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों के नेताओं ने तय रूट फॉलो नहीं करने की बात पहले ही कही थी, पर भारतीय किसान यूनियन ने इसे नजरंदाज कर दिया।

दीप सिद्धू ने किसान संगठनों के आरोपों पर वीडियो जारी कर सफाई दी है। सिद्धू ने कहा कि 25 जनवरी को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और सतनाम सिंह पन्नू ने कहा था कि वो संयुक्त किसान मोर्चा के बताए रूट पर परेड नहीं करेंगे। इसी दिन युवाओं ने मोर्चा के मंच पर कब्जा कर लिया था और कहा था कि पुलिस के दिए रूट पर रैली नहीं निकालेंगे। इसके बावजूद मोर्चा ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड तय रूट पर नहीं गई।

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ फोटो वायरल

बता दे, पिछले लोकसभा चुनाव में दीप ने गुरदासपुर से भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्टर सनी देओल के लिए चुनाव प्रचार किया था। दीप सिद्ध् की भाजपा से नजदीकी की बात कहकर अब सोशल मीडिया पर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व सांसद सनी देओल के साथ तस्वीरें वायरल कर दी गई हैं। कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष रजीन्दर सिंह दीपसिंह वाला ने बताया कि केंद्र सरकार शुरू से ही किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देना चाहती थी। दीप सिद्धू ने उनकी अच्छी सेवा की है।

आपको बता दे, दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुए उग्र भीड़ के पुलिस पर हमले में अबतक 13 एफआईआर दर्ज की हैं जिसमें ईस्ट दिल्ली, द्वारका और पश्चिमी दिल्ली में 3-3 एफआईआर, 2 आउटर नार्थ, एक शाहदरा और एक नार्थ जिले में दर्ज हुई हैं।

83 पुलिसकर्मी घायल

बता दे, तीन केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को गणतंत्र दिवस पर किसान गणतंत्र परेड निकालने के लिए दिल्ली पुलिस ने अनुमति दी थी और इसके लिए पहले से ही रूट तय कर दिए गए थे। मगर, तय रूटों का पालन न कर प्रदर्शनकारी लालकिला पहुंच गए, जहां उन्होंने काफी हुड़दंग मचाया। आईटीओ पहुंचे प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा और आंसूगैस के गोले भी दागे गए।

दिल्ली में लाल किले में हुए उपद्रव में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उपद्रवियों की इस करतूत ने किसानों के नाम पर दो महीने से चल रहे आंदोलन और इसके पीछे की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंसा के बाद किसान नेताओं ने खुद को उपद्रव से अलग कर लिया। योगेंद्र यादव ने तो यहां तक कह दिया कि मैं शर्मिदा हूं और इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। गणतंत्र दिवस पर देश ही नहीं, पूरे विश्व ने दिल्ली की सड़कों पर जो उपद्रव देखा, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया था। इन बेलगाम हुड़दंगियों ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया।